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सुख ख़बर: जय प्रकाश किर्थवाल राजकीय इंटर कालेज के अध्यापक की मेहनत रंग लाई “मिड डे मील” में मोटा अनाज हुआ शामिल

रिपोर्ट : सत्य प्रकाश डौंडियाल

 टिहरीगढ़वाल। कीर्तिनगर : राजकीय इंटर कालेज के अध्यापक के प्रयास से “मिड डे मील” में मोटा अनाज हुवा शामिल

जयप्रकाश कीर्थवाल राजकीय इंटर मीडिया कालेज पीपलीधार डांगर कीर्तिनगर टिहरी गढ़वाल में अध्यापक है। वे यहां छात्र छात्राओं को पाठ्यक्रम के साथ साथ प्रवेशीय शिक्षा से जोड़ रहे है। वह नियमित कक्षा कक्ष में जहां पाठ्यक्रम की बारीकियों से बच्चो के मन में उत्साह भरते है वही वे विद्यार्थियों को अपने आस पास की सामाजिक , सांस्कृतिक जानकारियों से रूबरू ही नहीं करवाते बल्कि वे पाठ्यक्रम के साथ जोड़कर विषय को व्यवहारिकता के साथ नवाचारी शिक्षा के रूप में शिक्षा देते आ रहे है।

आपको बता दे कि उन्होंने मिड डे मील के लिए एक विशेष प्रयोग कर पूरे प्रदेश स्तर पर सरकार स्कूलों में स्थानीय पकवानों को तरजीह दी है।
जिसे वे “उत्तराखंड का खान पान” अभियान नाम से कहते है सुरु किया है। यह उनका स्वयं का प्रयास था ।जिसके फलस्वरूप इसके आजू बाजू के विद्यालयों ने भी स्थानीय पकवान को मिड डे मील के साथ संलग्न किया है। शिक्षक जयप्रकाश कीर्थवाल ने शिक्षा मंत्री को भी पत्र द्वारा जानकारी प्रेषित किया गया कि प्रदेश के अन्य विद्यालयों में भी स्थानीय मोटे अनाजों से बनने वाले पकवानों को मिड डे मील में सम्मिलित किया जाए। उत्तराखंड सरकार के कबीना मंत्री डा० धन सिंह रावत ने शिक्षक जयप्रकाश के पत्र का संज्ञान लिया और महानिदेशक शिक्षा को निर्देश करते हुए कहा कि जयप्रकाश कीर्थवाल के विद्यालय के जैसे अन्य विद्यालय में भी सामिल किया जय और स्थानीय पकवानों को मिड डे मील में शामिल किया जाए और शिक्षा विभाग ने शिक्षक जयप्रकाश कीर्थवाल ने इस मुहिम की संज्ञान लिया आपको बता दे की उत्तराखंड के खान पान पर कीर्थवाल ने एक पुस्तक भी प्रकाशित की है।
पुस्तक में मोटे अनाजों से बनने वाले व्यंजनों के फायदे भी बताए गए है।
इस किताब में यह भी बताया गया कि इस कार्य से स्थानीय किसानों की आय में वृद्धि होगी। दरअसल यह कार्य अब संभव हो पाया हैं कीर्थवाल जिस तरह से अपनी कक्षा को पाठ्यक्रम के साथ स्मार्ट बनाए हुए है उसी तरह उनके विद्यालय के बच्चे प्रवेशीय समसम्यकी ज्ञान से ओतप्रोत है।

ये सृजनशीलता श्री कृथवाल के पास कैसे आई इसके बारे में आपको हम कुछ खास बाते साझा कर रहे है शिक्षक जयप्रकाश कृथवाल लोक जीवन विकास भारती संस्था बूढ़केदारनाथ के छात्र रहे है। यह राज्य की पहली सर्वोदय संस्था है जहां बच्चो को व्यवहारिक शिक्षा यानी नई तालीम की शिक्षा दी जाती है। यही से शिक्षक जयप्रकाश कीर्थवाल के भीतर व्यवहारिक, पर्यावरणीय और खेल खेल में सीखो जैसी स्वाभलंबी सृजनशीलता लिए आज राज्य के सरकारी विद्यालय के काम आ रही है। कारण इसके जयप्रकाश का शिक्षा के साथ स्थानीयता को बढ़ावा देने के लिए जो प्रयास किए जा रहे है उसे राज्य के शिक्षा विभाग ने हाथो हाथ लिया है। वे छुट्टियों में भी विद्यालय और वहां अध्ययनरत छात्र छात्राओं के शिक्षिक विकाश के बारे में चिंतन शील है। उन्हें बस यही सपना दिखता है कि यदि विद्यालय मात्र को ही पहाड़ी मोटे अनाजों को मिड डे मील का अनिवार्य हिस्सा बनाए जाए तो मोटे अनाजों की बाजार में भारी आवश्यकता पड़ेगी और आम किसान आर्थिक संसाधनों से मजबूत बनेगा। इसीलिए वे स्कूलों में मिड डे मील का हिस्सा “उत्तराखंड का खान पान” को बनाया गया है इसकी ये पैरवी कर रहे है कि पूरे उत्तराखड में भी इस पहल को सुरु कर आप भी इस मुहिम से जुड़ें ।
यही वजह है कि कृथवाल के इस उत्कृष्ट कार्य का शिक्षा विभाग ने त्वरित संज्ञान लिया और सभी स्कूलों को उनका अनुकरण करने का फरमान सरकार ने जारी कर डाला।

आज जयप्रकाश कृथवाल ने बताया कि “उत्तराखण्ड का खान पान”एक अभियानबनते जा रहा है। उन्होंने गत वर्ष 2022 में शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत उत्तराखण्ड सरकार को उत्तराखण्ड के पारंपरिक भोजन को पी. एम. पोषण मे सप्ताह में एक दिन परोसने का प्रार्थना पत्र दिया है। और कहा कि उन्होंने मेरे अनुरोध पत्र का संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग को त्वरित कार्रवाई के आदेश दिये और विभाग ने भी इस ओर सकारात्मक कार्रवाई की है। कृथवाल इस कार्य को उत्तराखंड राज्य की उपलब्धि में से एक मानते हैं।
आपको एक बार पर याद दिला दे की आज 2023 को मिलेट ईयर के रूप में पूरा भारत माना रहा हैं। ऐसे प्रयोग ही समाज की दिशा और दशा बदलने का काम करते है।

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