सुमाडी मामले की पैरवी ठीक से नहीं हुई: धीरेंद्र
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा पौड़ी जनपद के सुमाडी में बनाए जा रहे एनआईटी पर सुरक्षा कारणों से जताए गए एतराज पर भारी दुख व्यक्त करते हुए इस मामले में राज्य सरकार द्वारा की गई पैरवी को लचर बताते हुए कहा है कि राज्य सरकार को इस मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए। धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि नैनीताल में सुमाडी मामले की पैरवी ठीक से नहीं हुई है और ऐसा लगता है कि जो मैदानी मानसिकता के अधिकारी हैं और जो गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने का विरोध करते आए हैं। उन्हीं लोगों ने सुमाडी में भी एनआईटी को बनाए जाने मैं लचर पैरवी और गंभीर लापरवाही की है। जिसका कांग्रेस और राज्य आंदोलनकारी विरोध करेगे। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार ने इस मामले में या तो हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की और या इसके बाद भी दिल्ली में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा नहीं खटखटाया तो वे स्वयं सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर,सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे ।उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य के साडे 16000 गांव के विकास को केंद्र में रखकर उत्तराखंड राज्य की लड़ाई लड़ी थी लेकिन पिछले 20 सालों में लगातार यह देखने में आ रहा है कि जो भी विकास के केंद्र पर्वतीय क्षेत्रों में बनाए गए मैदानी मानसिकता के अधिकारी उन्हें येन-केन प्रकारेण खींचकर मैदानों के बड़े शहर देहरादून, हल्द्वानी हरिद्वार और अन्य स्थानों में ले गए। उन्होंने कहा राज्य आंदोलनकारी इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसके विरुद्ध जन आंदोलन के अलावा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।