कपाट बन्द होने तक चारधाम यात्रा ऑनलाईन व्यवस्था जारी रहेगी
गढ़वाल कमिश्नर 15 दिन अन्तराल में चारधाम यात्रा से जुड़े पदाधिकारियों के साथ बैठक के निर्देश
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह से कपाट बन्द होने तक चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाईन की व्यवस्था पूर्व की भांति चलती रहेगी एवं जो तीर्थ यात्री उत्तराखण्ड में चारों धामों के दर्शन के लिए अनलाईन रजिस्ट्रेशन नहीं करा पायेंगे, उन्हें मौके पर ही रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था उपलब्ध करायी जायेगी। इसमें किसी भी प्रकार की संख्या की बाध्यता नहीं रहेगी। इसके लिए आफलाईन स्पाट रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की जायेगी। यह व्यवस्था हरिद्वार, ऋषिकेश एवं इसके अतिरिक्त गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बदरीनाथ के मुख्य पड़ावों पर भी की जायेगी।
शनिवार को सचिवालय में चारधामों से आये तीर्थ पुराहितों, पदाधिकारियों, होटल एसोसिएशन, टूर अपरेटर, ट्रांसपोर्टस और व्यापार मण्डल के साथ बैठक में चारधाम यात्रा के सकुशल संचालन, श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुगम यात्रा और स्थानीय लोगों की आजीविका के सबंधित विषयों पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने जिस तेजी से श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, सरकार द्वारा इसको ध्यान में रखते हुए अवस्थापना सुविधाओं में विकास के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। चारधाम यात्रा से जुड़े हितधारकों ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री से यात्रा के सफल संचालन और अन्य पहलुओं के ष्टिगत विभिन्न मांग की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान बैरिकेडिंग एवं चैकिंग की व्यवस्था की समीक्षा कर उसे न्यूनतम किया जायेगा एवं यात्रा को सुगम और सुचारू बनाने के लिए इसका सरलीकरण किया जायेगा। अन्य प्रदेशों से आने वाले प्राइवेट वाहनों पर ग्रीन कार्ड ट्रिप कार्ड की अनिवार्यता की मांग पर उन्होंने परिवहन विभाग को इसका समाधान करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगली चारधाम यात्रा के लिए तैयारी वर्तमान चारधाम यात्रा के समाप्त होते ही तत्काल प्रारम्भ कर दी जायेगी। सभी जनपदों के यात्रा से सम्बन्धित जिला अधिकारी अपने-अपने स्तर पर सभी स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक एवं परामर्श करेंगे। इसके बाद उच्च स्तर पर परामर्श करने के उपरान्त अगली चारधाम यात्रा की तैयारियों के लिए रणनीति पूर्व में ही तैयार कर ली जायेगी।
इस अवसर पर चारधाम यात्रा से जुडे विभिन्न स्टेक होल्डर्स ने कहा कि राज्य स्थापना के बाद पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने चारधाम से जुड़े विभिन्न विषयों पर इतने विस्तार से उनके साथ बैठक की है। उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर को निर्देश दिये कि 15 दिन अन्तराल में चारधाम यात्रा से जुड़े पदाधिकारियों के साथ बैठक की जाए।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कि यात्रा के सफल संचालन के लिए सरकार को जितने अधिक फीडबैक मिलेंगे, व्यवस्थाओं में उतना अधिक सुधार होगा। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य सरकार दीर्घकालिक योजना के साथ कार्य कर रही है।
गंगा-यमुना एक्सप्रेस के नाम से एक स्पेशल ट्रेन संचालित की जायेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मदुरई से चलने वाली कार्तिकेय एक्सप्रेस की तर्ज पर गंगोत्री, यमुनोत्री, हनौल में महासू देवता का एक सर्किट बनाते हुए गंगा-यमुना एक्सप्रेस के नाम से एक स्पेशल ट्रेन संचालित की जायेगी। यमुनोत्री में जल्द हेली सेवा के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
यमुनोत्री धाम में मास्टर प्लान के अन्तर्गत खरसाली से रोपवे के कार्य में तेजी लायी जायेगी। पालीगाढ़ से जानकीचट्टी तक चारधाम यात्रा मार्ग पर सड़कों के चौड़ीकरण के लिए मनीटरिंग कमेटी से क्लीयरेंस हो गयी है एवं शीघ्र ही इसका कार्य भी संपन्न किया जायेगा। वर्तमान में गंगोत्री एवं यमुनोत्री के लिए बन रहे मास्टर प्लान के कार्यों में तेजी लाई जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित यात्रा प्राधिकरण में चारधाम यात्रा के सुगम संचालन के लिए निर्णय सभी स्टेक होल्डर्स से व्यापक विचार-विमर्श एवं आम सहमति के आधार पर ही लिये जायेंगे।