प्रदेश में राज्य शिक्षा आयोग का होगा गठन
देहरादून। प्रदेश में राज्य शिक्षा आयोग का गठन होगा , राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों को विविद्यालयों व स्वायतशासी महाविद्यालय बनाया जाएगा। बहुविषय विविद्यालय की स्थापना होगी, वाषिर्क परीक्षा पण्राली खत्म कर सेमेस्टर पण्राली प्रारम्भ कर क्रेडिट बेस सिस्टम लागू किया जाएगा व तथा प्रत्येक जनपद में समावेशी महाविद्यालय बनाए जाएंगे। साथ ही कोर्स स्ट्रक्चर तैयार किये जाएंगे। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय स्थित सभागार में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रस्तुतीकरण किया गया । नई शिक्षा नीति पर चर्चा के दौरान विशेषज्ञों ने अपनी-अपनी राय रखी । परिचर्चा के दौरान उच्च शिक्षा विशेषज्ञों ने बताया कि बहुविषयक शिक्षा के प्रावधान के तहत स्नातक उपाधि तीन या चार वर्ष की अवधि की होगी, जिसमें छात्रों को किसी भी विषय या क्षेत्र में एक साल पूरा करने पर प्रमाण पत्र, दो साल पूरा करने पर डिप्लोमा, तीन वर्ष की अवधि के बादातक की डिग्री प्रदान की जायेगी जबकि चार वर्ष के कार्यक्रम में शोध सहित डिग्री प्रदान की जायेगी। पीएचडी के लिए या तोातकोतर डिग्री या शोध के साथ चार वर्ष कीातक डिग्री अनिवार्य होगी। इसके अलावा नई शिक्षा के तहत तीन प्रकार के शिक्षण सस्ंथान होंगे जिसमें अनुसंधान विविद्यालय, शिक्षण-अनुसंधान, स्वायत महाविद्यालय शामिल है। जबकि एफिलेटिंग विविद्यालय व महाविद्यालयों का कान्सेप्ट समाप्त हो जायेगा।