उत्तराखंड में 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी आम आदमी पार्टी
देहरादून। आम आदमी पार्टी उत्तराखंड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन पिरशाली ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड में 2022 के विधान सभा चुनावों की सभी 70 सीटों आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ने जा रही है डेढ़ महीने पहले आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में एक सर्वेक्षण कराया था, जिसके नतीजों से उत्साहित होकर आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड को कर्मभूमि बनाने का मन बनाया है। उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभाओं में चुनाव लड़ने की घोषणा स्वंय दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने की है।
श्री पिरशाली ने कहा कि उत्तराखंड की जनता कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों से परेशान है और बेहतर विकल्प चाहती है, जो सिर्फ आम आदमी पार्टी ही दे सकती है और इसे उत्तराखंड की जनता भी भलीं-भांति समझती है। प्रदेश में आम आदमी पार्टी का चुनाव उसके कार्यकर्ता नहीं बल्कि जनता लड़ेगी। आम आदमी पार्टी को दिल्ली में उत्तराखंडी आबादी से भरपूर समर्थन मिलता रहा है और वही समर्थन उत्तराखंड में भी मिलेगा। मउत्तराखंड में इस समय तीन सबसे बड़े मुद्दे हैं रोजगार की कमी से पैदा हुआ पलायन, स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और सरकारी स्कूल-कॉलेजों में अच्छी शिक्षा का अभाव और ये सभी जानते है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में इन्हीं को दुरुस्त कर जनता का दिल जीता है। आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में भी वही प्रयोग दोहराएगी। इसके साथ ही हर गांव की पहुंच में एक ग्राम क्लीनिक बनाया जाएगा। बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए स्थानीय संसाधनों से जोड़कर स्वरोजगार और छोटे कारोबार को बढ़ावा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा भी एक बड़ी समस्या है। आम आदमी पार्टी की सरकार आपदा नियंत्रण पर काम करने के लिए पहले मूल समस्याओं को हल करेगी, जैसे अनियंत्रित विकास, अवैध कब्जे ,भ्रष्टाचार और प्रकृति से खिलवाड़। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी जन आन्दोलन के सहारे चुनाव लड़ेगी। जनता ही सर्वोपरि होगी, चुनावों में जनता ही प्रमुख चेहरा होगी। दिल्ली में जिस तरह जनता ने दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को दरकिनार कर विकास को चुना, उसी तरह उत्तराखंड में भ्रष्टाचार, कुशासन से त्रस्त जनता आम आदमी पार्टी पर भरोसा जताएगी। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन पिरशाली ने भाजपा विधायक महेश नेगी के खिलाफ प्रदर्शन में आप कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज करने की निंदा करते हुये इसे त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार का कायराना कदम बताते हुये कहा कि सरकार अपने खिलाफ जनाक्रोश से डरी हुई है और दमनकारी नीति पर चल रही है।