G-KBRGW2NTQN आगामी विधानसभा चुनाव में कहीं कांग्रेस की गुटबाजी का फायदा न उठा ले भाजपा – Devbhoomi Samvad

आगामी विधानसभा चुनाव में कहीं कांग्रेस की गुटबाजी का फायदा न उठा ले भाजपा

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में होने हैं लेकिन अभी से सभी बड़ी पार्टियों के बीच हलचल तेज हो गई है। जहां आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड की सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। वहीं कांग्रेस भी अपना खोया वर्चस्व हासिल करने के लिये त्रिवेंद्र सरकार के खिलाफ सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक मोर्चा खोले हुए हैं।
प्रदेश की सियासत में इन दिनों नई राजनीतिक बिसात बिछाई जा रही है। बावजूद इसके जो सूरते हाल इस वक्त कांग्रेस का होना चाहिए था वह शायद नहीं दिखाई दे रहा है। कांग्रेस की कमजोरी और मौजूदा प्रदेश नेतृत्व की ढिलाई का फायदा आगामी विधानसभा में मौजूदा सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के लिए वरदान साबित हो सकता है। कांग्रेस में अनेकों गुट खुद को मजबूत करने की जोर आजमाइश में जुटे हुए हैं। एक ओर जहां कांग्रेस जनता से सरोकार रखने वाले जन मुद्दों को पूरी तरह से कैच नहीं कर पा रही है। तो वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी, सरकार को जन कल्याणकारी मुद्दों पर आइना दिखाने का दम भरने लगी है। कांग्रेस की आपसी गुटबाजी का फायदा बीजेपी ने पहले भी कई बार उठाया है। पहले भी 2002 से 2007 तक एनडी तिवारी के शासनकाल वाली कांग्रेस सरकार में कांग्रेस की गुटबाजी कई बार सुर्खियों में रही थी। नतीजा 2007 में कांग्रेस ने सत्ता गंवा दी। इसके बाद 2012 में एक बार फिर प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पर भरोसा किया लेकिन, उस दौरान भी कांग्रेस की आपसी गुटबाजी न सिर्फ उत्तराखंड के चर्चाओं में रही बल्कि देश के कोने-कोने तक पहुंची। तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को कुर्सी से उतारकर हरीश रावत को मुख्यमंत्री की कमान सौंप देने के बाद ही कांग्रेस दो धड़ों में बंट गई थी। तब से लेकर कांग्रेस में गुटबाजी हावी रही है। प्रदेश 2022 विधानसभा चुनाव की तरफ बढ़ रहा है, लेकिन इस दौरान जो कार्यक्रम संगठन की तरफ से होना चाहिए, वो दिखाई नहीं दे रहा है। हालांकि, उस कमी को हरीश रावत बखूबी भर रहे हैं, लेकिन इससे जनता के बीच कांग्रेस में दो गुटों के होने का संदेश जा रहा है। ऐसे में अगर जनता विकल्प की तलाश करें तो उसे यह भी लगेगा कि कांग्रेस में अभी भी गुटबाजी जारी है। कांग्रेस को अपनी स्थिति सुधारने के साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव को लड़ना है तो गंभीरता के साथ संगठन स्तर पर बूथ लेवल तक कार्यकर्ताओं को खड़ा करना होगा।———-

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