क्रांतिवीर स्व० विपिन चंद्र त्रिपाठी के आदर्शों और विचारों को आत्मसाथ करें आज की पीढ़ीः यूकेडी
देहरादून। उक्रांद के शिल्पी, थिंकटैंक, पूर्व अध्यक्ष व पूर्व विधायक स्व० विपिन चंद्र त्रिपाठी (विपिन दा)की 16 पुण्यतिथि पार्टी कार्यालय 10 कचहरी रोड़ देहरादून में श्रद्धांजलि देते हुये गोष्ठी का आयोजन करके विपिन दा को याद किया गया। गोष्ठी में दल के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष ए पी जुयाल,वरिष्ठ नेता किशन सिंह मेहता, वरिष्ठ नेता ओमी उनियाल, के एन डोभाल, बहादुर सिंहः रावत,शांति प्रसाद भट्ट,राजेन्द्र प्रसाद बड़ोनी,जब्बर सिंह पावेल,उत्तम रावत,किरण रावत कश्यप, विजय बौड़ाई, ने गोष्ठी में विपिन दा को याद करते हुए याद किया।
वक्ताओं ने कहा कि स्व०विपिन त्रिपाठी जी के आदर्शों और संघर्षों को कभी भुलाया नही जा सकता है। वन आंदोलन से लेकर नशा नही रोजगार दो। ताड़ीखेत में मजदूरों के आंदोलन को आगे बढ़ाया। इमरजेंसी के दौरान सरकार के खिलाफ अपने पाक्षिक अखबार द्रोणाचल पहरी में लिखा, उनके अखबार को सरकार ने प्रबंधित करके प्रेस सील कर दी तथा इमरजेंसी के दौरान 24 महीने जेल रहे।उक्रांद के शिल्पी कहे जाने वाले विपिन दा ने राज्य आंदोलन के दौरान कार्यक्रमो को आगे ले गये। उन कार्यक्रमों का बखूबी सफल संचालन किया। वक्ताओं ने कहा कि पार्टी का अनुशासन के साथ राज्य परख नीतियों को बनाने में अहम भूमिका रही है। विपिन दा गैरसैंण को स्थायी राजधानी के कट्टर समर्थक रहे अपनी विधायक काल के दौरान विधानसभा सदन में गैरसैण में राजधानी बनाने का 500 करोड़ का बजट रखा। उनके ओजस्वी भाषणों को कभी भुलाया नही जा सकता है। विपिन दा ने हमेशा अपने मूल्यों से समझौता नही किया। दल के मुख्य रणनीतिकार की भूमिका विपिन दा की रहती थी।उन्ही के प्रयासों से द्वाराहाट में इंजीनियरिंग कॉलेज, पोलटेक्निक और आई टी आई बनी थी। विपिन दा ने 22 वर्ष की उम्र में आंदोलन में कूद गये थे।ताउम्र विपिन दा का संघर्ष अंतिम सांस तक रहा। कार्यक्रम का संयोजक सुनील ध्यानी ने किया। इस अवसर पर लताफत हुसैन, रेखा मिंया,प्रताप कुँवर,अशोक नेगी,राजेन्द्र बिष्ट, राजेश्वरी रावत,किरण रावत,सीमा रावत,नवीन भदूला,किरण रावत कश्यप,मनोज वर्मा,पीयूष सक्सेना,विजेंदर रावत,हिम्मत नेगी,गजेंद्र रावत,दीपक रावत,पंकज पैन्यूली,महेंद्र जोशी,सुमन सिंह राणा, आदि थे।