सरकार की उपेक्षा से नाराज आंदोलनकारी आए एक मंच पर
देहरादून। रविवार को सभी राज्य आंदोलनकारी संगठनों की संयोजक मंडल की शहीद स्मारक पर बैठक हुई। शहीद स्मारक पर मुजफ्फरनगर गोली कांड की बरसी पर सभी राज्य आंदोलनकारी संघटनों को विास में लेकर तय किया गया था कि सरकार की लगातार उपेक्षा के चलते सभी को एक बैनर के तहत आंदोलन करना होगा।
बैठक में सभी राज्य आंदोलनकारी संगठनों ने एक सुर में सरकार द्वारा लागातार उपेक्षा व संवादहीनता पर गहरा रोष व्यक्त किया। जगमोहन सिंह नेगी, धीरेन्द्र प्रताप एवं भूपेन्द्र रावत ने कहा कि़ राज्य आंदोलनकारी लोकतांत्रिक तरीके से लगातार धरने प्रदर्शन के साथ ही फरवरी 2019 में मुख्यमंत्री आवास घिराव एवं दिसंबर 2019 में विधानसभा घिराव कर चुके है। लेकिन सरकार संवाद करने को तैयार नहीं है। प्रदीप कुकरेती व लक्ष्मण भण्डारी ने कहा कि यदि सरकार ने राज्य स्थापना दिवस तक राज्य आंदोलनकारियो की मांगो पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया। तो फिर राज्य आंदोलनकारी आर-पार का आंदोलन करने को मजबूर होगे। राज्य आंदोलनकारी कमला कंडारी व अरुणा थपलियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री मातृ शक्ति की मांगों को दरकिनार कर रहे है। जबकि मातृ शक्ति ने इस राज्य को बनाने मे अपना सर्वस्व लूटा दिया। बैठक मे सभी के सुझावों को मध्य नजर रखते हुए तय किया गया कि सरकार को चेताने के लिए 30 अक्टूबर को गांधी पार्क के मुख्य द्वार पर एक बड़ा धरना आयोजित होगा। बैठक के अंत मे वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी स्वर्गीय केपी उनियाल की आत्मा क़ी शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। संयोजक मण्डल की बैठक की अध्यक्षता ओमी उनियाल व संचालन जगमोहन सिंह नेगी ने किया। बैठक मे जगमोहन सिंह नेगी , ओमी उनियाल , धीरेन्द्र प्रताप , वेद प्रकाश शर्मा , भूपेन्द्र रावत , लक्ष्मण भण्डारी , राजेन्द्र रावत , प्रदीप कुकरेती , सावित्री नेगी , विशम्भर दत्त बौंठियाल , मनमोहन शाह, अरुणा थपलियाल , भूमा रावत , सुदेश सिंह , जबर सिंह पावेल , सतेन्द्र नौगांई , देवी प्रसाद व्यास , गुरदीप कौर ,कमला भट्ट , प्रभात डंडरियाल, अमर सिंह ,रमेश गौड़ , विक्रम भण्डारी , अरविंद गुप्ता , आर पी लखेड़ा , राजेश पांथरी , जीत्पाल बत्र्वाल , सुमित थापा , बलबीर नेगी , गौरी शंकर , सुशील विरमानी , मनीष , पीयूष कुमार , पुष्कर बहुगुणा , ऋतु राज व भूपेन्द्र सिंह लिंगवाल आदि मौजूद रहे।