तिथियों के आगे-पीछे होने से धनतेरस कल
देहरादून। तिथियों के उतार-चढ़ाव से धनतेरस को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है। हिन्दू धर्म के व्रत एवं त्योहार हिन्दी पंचाग की तिथियों के अनुसार ही मनाए जाते हैं। कई बार तिथियां और अंग्रेजी कैलेंडर की तारीखें एक नहीं होती है। इसलिए त्योहारों की तारीखों पर असमंजस की स्थिति पैदा हो जाती है। क्योंकि तिथियों के चलते धनतेरस 13 नवंबर को है और 14 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी। 14 नवंबर को छोटी और बड़ी दीपावली है। इस साल कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी का 12 नवंबर यानि वृहस्पतिवार को रात नौ बजकर 30 मिनट से हो रहा है, जो 13 नवंबर की शाम पांच बजकर 59 मिनट तक है। धनतेरस की पूजा प्रदोष काल में ही श्रेष्ठ मानी जाती है, प्रदोष काल 13 नवंबर को प्राप्त हो रहा है। 12 नवंबर को रात्रि से त्रयोदशी लग रही है। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद और रात्रि से पहले का समय काल होता है। ऐसे में धनतेरस की पूजा 13 नवंबर को करना उत्तम है। शुक्रवार यानि 13 नवंबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट से शाम 5 बजकर 59 मिनट तक धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त है। इस 30 मिनट में धनतेरस की पूजा कर लेनी चाहिए। ऐसे में धनतेरस की खरीदारी 12 नवंबर को भी की जा सकेगी। हालांकि उदया तिथि में त्योहार मनाया जाता है। ऐसे में धनतेरस 13 नवंबर को मनाया जाएगा।