G-KBRGW2NTQN वन कानूनों की समीक्षा करने की आवश्यकता : किशोर – Devbhoomi Samvad

वन कानूनों की समीक्षा करने की आवश्यकता : किशोर

 

देहरादून। कांग्रेस नेता व वनाधिकार आंदोलन के अगुवा किशोर उपाध्याय ने कहा है कि अब तक वन, पर्यावरण, पारिस्थिति, जल, वन्य प्राणियों को लेकर बनाये गये कानून अप्रासंगिक हो गये हैं और इसमें संशोधन की आवश्कयता है। उपाध्याय ने कहा है कि इन कानूनों में हक-हकूकों पर पहरा बिठा दिया गया है।
आज प्रेस क्लब में आहूत पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा है कि ये कानून स्थानीय समुदायों के पुश्तैनी हक-हकूकों और अधिकारों पर कुल्हाड़ी चलाने का काम करते हैं। एक अच्छी भावना से बने कानूनों से स्थानीय समुदायों का शोषण किया जा रहा है। इन कानूनों की समीक्षा आज समय की आवश्यकता बन गयी है। इन कानूनों को संशोधित कर स्थानीय अरण्यजनों के पुश्तैनी हक-हकूकों व वनाधिकारों की रक्षा का समावेश किया जाना चाहिये। उनके छीने गए हक-हकूकों की क्षतिपूर्ति दी जानी चाहिये।
उपाध्याय ने कहा कि वनाधिकार आन्दोलन के कोविड -19 के इस संकटकालीन समय के इस चरण के गढ़वाल दौरे में उन्होंने पाया कि सरकार की उदासीनता ने राज्य की निवासियों की मुश्किलों को बेतहाशा बढ़ा दिया है। सरकारी व बैंकरोें के कर्जें की उगाही में कर्जदारों को प्रताड़ित किया जा रहा है, गिरफतारी की डर से लोग घरों से भागे हुये हैं, अत सरकार तुरन्त उगाही रोके। पत्रकार वार्ता में एसएस सचान, बच्चीराम कंस्वाल, राजेन्द्र सिंह भंडारी, अंशुल श्रीकुंज व इब्राहिम आदि उपस्थित थे।

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