देहरादून। हंस फाउण्डेशन राज्य के 12 राजकीय महाविद्यालयों को पचास-पचास लाख रुपये की मदद देगा। इस धनराशि से इन कॉलेजों में 14 बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत की बृहस्पतिवार को उनके कैम्प कार्यालय में हंस फाउण्डेशन के प्रतिनिधियों साथ हुई बैठक में यह सहमति बनी। डॉ. रावत ने बताया कि इस योजना के तहत सूबे के एक दर्जन ऐसे राजकीय महाविद्यालयों को शामिल किया गया है जो कि केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना रूसा के वित्तीय सहयोग से वंचित रह गये थे।
चयनित महाविद्यालयों में हंस फाउण्डेशन की ओर से कंप्यूटर, पुस्तकालय हेतु पुस्तक, ई-बोर्ड, स्मार्ट क्लास, प्रयोगशाला उपकरण, फर्नीचर आदि की सुविधाओं के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग को प्रत्येक महाविद्यालयों की आवश्यकतानुसार एक निर्धारित फाम्रेट पर प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र हंस फाउण्डेशन को उपलब्ध कराना होगा। हंस फाउण्डेशन के तहत वित्त पोषण के लिए राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय रायपुर, डोईवाला, चम्पावत, रानीखेत तथा राजकीय महाविद्यालय पाबौं, सितारगंज, बड़कोट, कोटद्वार भाबर, थलीसैण, गैरसैण, चौबट्टाखाल और कर्णप्रयाग को शामिल किया गया है। हंस फाउण्डेशन के सेक्शन हेड विकास वर्मा ने बताया कि धनराशि खर्च करने के बाद उच्च शिक्षा विभाग को उपयोग प्रमाण पत्र के साथ ही ऑडिट रिपोर्ट भी संस्था को मुहैया करानी होगी ताकि व्यय धनराशि का दुरूपयोग न हो सके। राज्य मंत्री ने बताया कि इसके अलावा 59 राजकीय महाविद्यालयों में रूसा तथा शेष राजकीय महाविद्यालयों में राज्य सेक्टर से बजट उपलब्ध कराया गया है। जिसके तहत प्रदेश के सभी 105 राजकीय महाविद्यालयों में पठन-पाठन के स्तर को बेहतर बनाने के लिए 14 मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जा सके। बैठक में सलाहकार रूसा प्रो. एमएसएम रावत, प्रो.केडी पुरोहित, नोडल अधिकारी रूसा डॉ. एएस उनियाल, हंस फाउण्डेशन के सेक्शन हेड विकास वर्मा, पंकज भट्ट आदि उपस्थित रहे।