मनोज रावत ने पंचायतों के हटाये गये कार्मिकों वापस लेने की मांग की
देहरादून। केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने सरकार से मांग की है कि पंचायत राज विभाग में कनिष्ठ अभियंता व डाटा इंट्री आपरेटरों की को पुन: सेवायोजित किया जाए। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है। रावत ने अपने पत्र में लिखा है कि 14वें वित्त में प्रत्येक विकास खंड में एक कनिष्ठ अभियंता व एक डाटा एंट्री आपरेटर की नियुक्ति आउटसोर्स से की गयी थी। जिन्हें 31 मार्च 2020 को हटा दिया गया है। उन्होने कहा है कि ये कार्मिक तीन महीने तक देहरादून में भी आंदोलनरत रहे। रावत ने कहा है कि पंचायत राज विभाग में प्रतिवर्ष विभिन्न मदों से आने वाला धन लगभग 1100 करोड़ रुपये है। इन धन में से 2019-20 में उनके जनपद रुद्रप्रयाग में 12 करोड़ रुपये अभी भी खर्च नही हो पाये। रुद्रप्रयाग के साथ ही देहरादून, चमोली व हरिद्वार जनपदों की बात करें तो इनमें 67.57 करोड़ रुपये खर्च नहीं हो पाये हैं। इसके साथ ही 2020-21 का पूरा धन अभी भी बचा हुआ है। उन्होंने कहा है कि यह स्थिति इन तकनीकि कर्मियों के न होने से उत्पन्न हुई है। 14वें व 15वें वित्त में कम से कम 2 फीसद कंटिजेंसी मद में से यदि आधा फीसद राशि भी इन हटाये गये कर्मचारियों पर खर्च कर दी जाए तो इनको मानदेय दिया जा सकेगा तथा इनके माध्यम से विकास कायरे को आगे बढ़ाया जा सकेगा। रावत ने आग्रह किया है कि इन कार्मिकों को कंटिजेंसी मद से सेवायोजित करने के लिए शासन को आदेशित करें।