नवरीत के घर पहुंची प्रियंका वाड्रा, परिजनों को बंधाया ढांढस
रुद्रपुर। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा गांधी ने उत्तराखंड की सीमा से लगे ग्राम डिबडिबा पहुंच कर कहा कि जो नेता जनता की आवाज नहीं सुनते, वे किसी काम के नहीं होते। उन्होंने कहा कि नवरीत सिंह की शहादत को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। वह दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में हुए हादसे में मारे गए सरदार नवरीत सिंह को श्रद्धांजलि देने यहां पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि यह शहीद का परिवार है। वे इस शहादत को भूल नहीं सकते। शहादत बेकार न जाए यह दिल में रखना है। शहादत से दिल में यह तमन्ना जागती है कि शहादत व्यर्थ न हो। कहा कि नवरीत 25 साल के थे। उनका बेटा भी 20 साल का है। वह परिवार के दर्द को समझ सकती हैं। कहा कि किसानों के बेटे भी जवान हैं। वे दिल्ली में किसानों के साथ खड़े होने गए। यह कोई राजनीतिक साजिश नहीं थी। वो वहां इसलिए गए थे, क्योंकि उनके दिल में दुख था। किसानों की पीड़ा थी। उन्हें मालूम था कि किसानों के साथ जुल्म हो रहा है। गुरु गो¨वद सिंह ने कहा था कि जुल्म करना पाप है और जुल्म सहना उससे भी बड़ा पाप है। यही सोच कर नौजवान दिल्ली गया था कि लोग जुटेंगे तो सरकार सुनेगी और तीनों कृषि कानून वापस ले लेगी। प्रियंका ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शहीदों को आतंकवादी और किसानों के आंदोलन को राजनीतिक साजिश करार दिया जा रहा है। कहा कि जो नेता देशवासियों की आवाज नहीं सुनते वह बेकार हैं। कहा कि किसानों का आंदोलन देश का सच्चा आंदोलन है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पूरी कांग्रेस देश के कोने-कोने के किसानों के साथ है। बोलीं हरजीत सिंह के पौत्र की शहादत व्यर्थ नहीं जाने दी जाएगी। कहा कि किसान तीनों काले कानून वापस होने तक आंदोलन जारी रखेंगे। इस मौके पर उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष डा इंदिरा ह्दयेश, पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़, किसान नेता तजिन्दर सिंह विर्क, भाकियू नेता नरेश टिकैत, प्रदेश महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष मीना शर्मा, कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष जगदीश तनेजा, कांग्रेस नेता सीपी शर्मा, सुशील गावा, पूर्व मंडी अध्यक्ष अरुण पांडे के साथ ही उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के काफी नेता मौजूद थे।