कैबिनेट बैठक : आठ साल पुराने सर्किल रेट पर वैध हो सकेंगे अवैध निर्माण
देहरादून। प्रदेश कैबिनेट ने आठ साल पुराने सर्किल रेट पर अवैध निर्माण को वैध करने के लिए एक मुश्त समाधान योजना को हरी झंडी दी है। कैबिनेट ने बिजली के बकाया बिल का सौ फीसद विलंब माफ करने को भी मंजूरी दी है। प्रदेश के आगामी बजट प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। यही नहीं एक अत्यंत अहम फैसला यह हुआ है कि संपत्ति में महिलाओं को सहखातेदार बनाने के लिए अध्यादेश को भी सरकार ने मंजूरी दे दी है। बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई प्रदेश कैबिनेट की अहम बैठक में 24 प्रस्तावों पर फैसले लिए गए। विधानसभा सत्र आहूत होने के कारण कैबिनेट के फैसलों की जानकारी नहीं दी गई लेकिन सूत्रों के मुताबिक एक मुश्त समाधान योजना के तहत प्रदेश के हजारों भवन स्वामियों को रात दी गई है । जमीन के आठ साल पुराने सर्किल रेट यानी वर्ष 2012 के सर्किल रेट के आधार पर इन निर्माणों के नक्शे पास हो सकेंगे। पर्वतीय क्षेत्र में इसके लिए आवेदन शुल्क ढाई हजार रुपये और मैदानी क्षेत्रों में पांच हजार रुपये तय किया गया है।
करीब 37 लाख महिला बनेंगी भूमि व संपत्ति में सहखाते दार- उत्तराखंड की करीब 37 लाख बालिग महिलाएं अब भूमि व संपत्ति में सहखातेदार बन सकेंगी। संशोधन अध्यादेश 2021 को मंजूरी दे दी है। इससे महिलाएं भूमि के खातों में खातेदार बन सकेंगी। इससे उद्यम शुरू करने या अन्य कायरे के लिए महिलाओं को बैंक आदि से ऋण लेने में आसानी हो सकेगी।