देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेरोजगार युवाओं के हितों को देखते हुए आर्ट के छात्रों को बड़ी राहत दे दी है। आज इस मामले में सचिव शिक्षा आर. मीनाक्षी सुंदरम ने शासनादेश जारी कर दिया है। इस आदेश के अनुसार शिक्षा विभाग में एलटी पदों पर होने वाली भर्ती के लिए कला विषय के अभ्यर्थियों के लिए बीएड की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। जिससे हजारों युवाओं को सीधे तौर से इसका फायदा होगा। शिक्षा विभाग के द्वारा भर्ती नियमावली में कला विषय के अभ्यर्थियों के लिए पहली बार बीएड की बाध्यता को अनिवार्य किया गया था, इसका अभ्यर्थियों ने विरोध किया। उन्होंने इस संबंध में पहले शिक्षा मंत्री अौंर फिर मुख्यमंत्री के सामने फरियाद रखी थी। उनका तर्क थाकि कला विषय प्रयोगात्मक विषय है इसलिए अब तक उत्तराखंड में बीएड की अनिवार्यता कला विषय के लिए नहीं होनी चाहिए। पहली बार बीएड की डिग्री अनिवार्य की गयी। मुख्यमंत्री ने इस मामले में बात करने के उपरांत फैसला लिया था कि कला विषय के लिए बीएड की अनिवार्यता को खत्म किया जाएगा। जिस पर वृहस्पतिवार को शिक्षा सचिव ने आदेश जारी कर दिये हैं। इस फैसले से कला विषय में मात्र स्ना़ातक अंतिम वर्ष तक ड्राइंग एंड पेंटिंग विषय के साथ जो भी अभ्यार्थी पास हों वह शिक्षक बनने के लिए एलटी भर्ती परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। सरकार के इस फैसले के बाद अब उत्तराखंड सेवा अधीनस्थ चयन आयोग इस संबंध में जल्द विज्ञापन जारी करेगा। उत्तराखंड सेवा अधीनस्थ चयन आयोग के द्वारा 1428 ज्यादा पदों पर जो विज्ञप्ति जारी की गई थी उसे अब आयोग फिर से कला विषय के अभ्यर्थियों के लिए अलग से विज्ञप्ति जारी कर देगा। आयोग के सचिव संतोष बड़ोनी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि शासन के द्वारा जारी नई नियमावली प्राप्त होते ही इस पर कार्यवाही कर दी जाएगी। इस फैसले का लाभ आर्ट के अभ्यर्थियों को सिर्फ एलटी में ही नहीं बल्कि प्रवक्ता के पद के लिए भी हुआ है। स्नातक स्तर पर ड्राइंग एंड पेंटिंग से पास छात्र जहां एलटी पदों पर आवेदन कर सकते हैं। ठीक उसी तरह एमए ड्राइंग विषय से पास करने वाले छात्र प्रवक्ता पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे।