ेदेहरादून। सरकार ने स्कूलों को मर्ज करने के अपने निर्णय पर अडिग रहते हुए इसको जारी रखने का निर्णय लिया है। इसके लिए बाकायदा एक उच्चस्तरीय कमेटी बना दी है, जो स्कूलों को मर्ज या एकीकरण करने के लिए अपनी रिपोर्ट देगा। विद्यालयों के मर्च करने के लिए मुख्यमंत्री ने अध्ययन कराने के बाद ही कार्यवाही का फैसला लिया है। इसके लिए उन्होंने प्रभारी सचिव नीरज खैरवार को एक कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री के मुख्य निजी सचिव विक्रम सिंह चौहान ने यह जानकारी सचिव शिक्षा को दी है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के विभिन्न बेसिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के समायोजन एवं एकीकरण के लिए जनपद ऊधमसिंहनगर की तर्ज पर अध्ययन एवं अग्रिम कार्यवाही के लिए डा. नीरज खैरवार, प्रभारी सचिव, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। समिति में निदेशक, माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा सदस्य सचिव होंगे तथा सभी जिलों के जिलाधिकारी इसके सदस्य होंगे। समिति जिन विद्यालयों को मर्ज किया जाना है, उनके प्रकरण के सम्बन्ध में सभी पहलुओं का अध्ययन करते हुए एक माह के अन्दर अपनी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करायेगी। उल्लेखनीय है प्रदेश में बहुत सारे विद्यालय ऐसे हैं जहां छात्र संख्या बहुत कम है, लेकिन विद्यालयों में पूरा स्टाफ काम कर रहा है। विशेषकर प्राइमरी स्कूलों में ऐसी स्थिति है। सैकड़ों विद्यालय ऐसे हैं, जहां 10 से कम छात्र संख्या है, लेकिन फर्जी तरीके से छात्र संख्या को अधिक दिखाकर ऐसी स्कूलों को बचाने की कोशिश की गयी है। पिछले वष्रों में ऐसे कई प्रकरण सामने आये हैं। हालांकि त्रिवेंद्र सरकार ऐसे 371 स्कूलों को बंद करने का निर्णय ले चुकी है। जानकारी मिली है कि अभी भी बहुत सारे स्कूलों में छात्र संख्या जरूरी आंकड़े से कापी कम है, लेकिन वहां तैनात शिक्षक के दूर तैनाती की आशंका के चलते फर्जी आंकड़े दिखाकर स्कूलों को बचाने की कोशिश की जा रही है। अधिकारियों की सरपरस्ती पर वे ऐसा करने में सफल भीहो जाते हैं। ऐसे में अब कमेटी के बन जाने के बाद ऐसे स्कूलों की वास्तविकता सामने आ सकेगी और सरकारी धन की बर्बादी रोकी जा सकेगी।