चमोली। तीरथ सिंह रावत सरकार ने त्रिवेंद्र रावत सरकार के जमाने में नियुक्त दायित्वधारियों को चलता कर दिया है। चमोली के चार दायित्वधारियों की छुट्टी कर दी है। जबकि चमोली जिले से महिला आयोग की उपाध्यक्ष पुष्पा पासवान को अभयदान दे दिया है। गौरतलब है कि त्रिवेंद्र रावत सरकार में जोशीमठ के रामकृष्ण सिंह रावत को उत्तराखंड जनजाति सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष का दायित्व दिया गया था। नारायणबगड़ ब्लाक के रैंस गांव के रिपुदमन सिंह रावत को पेयजल अनुश्रवण समिति के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी। कर्णप्रयाग के पूर्व विधायक अनिल नौटियाल को औषधीय पादप बोर्ड का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इसी तरह पोखरी ब्लाक के कमद (उतरौं) गांव के निवासी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल से सेवानिवृत हुए जयबीर सिंह नेगी को सैन्य एवं सीमांत क्षेत्र सुरक्षा का दायित्व सौंपा गया था। गोपेर की पुष्पा पासवान की महिला आयोग के उपाध्यक्ष पद पर तैनाती की गई। त्रिवेंद्र सरकार में बने 100 से अधिक दर्जाधारी (संवैधानिक पदों को छोड़ कर) चलता कर दिए गए हैं। तीरथ सिंह रावत सरकार के इस निर्णय से चमोली जिले के 4 दर्जाधारी भी चलता बने हैं। चूंकि महिला आयोग के उपाध्यक्ष का पद संवैधानिक श्रेणी में है तो संवैधानिक पद पर निर्धारित अवधि तक वह बनी रहेंगी। इस तरह दायित्वधारियों की छुट्टी में गोपेर की पुष्पा पासवान को अभयदान मिल गया है। तीरथ सिंह रावत सरकार के इस आदेश से दायित्वधारियों में खलबली मच गई है। सरकार के इस फैसले से अब तक काबिज दायित्वधारियों से न उगलते बन रहा है और न निगलते। हालांकि दायित्वधारियों के विरोधी तीरथ सरकार के इस फैसले से अंदर ही अंदर खुशी में हैं। माना जा रहा था कि कई दायित्वधारी 2022 के चुनाव की तैयारियों में भी जुटे थे। अब दायित्वधारियों की छुट्टी होने से उनकी भविष्य की तैयारियों पर भी ग्रहण सा लग गया है। हालांकि कतिपय दायित्वधारियों को उम्मीद है कि सरकार उन्हें रिपीट कर लेगी। इसके बावजूद भीतर ही भीतर अन्य लोग भी दायित्व पाने के लिए गोटियां बिछाने लगे हैं। इसके चलते भाजपा के भीतर सत्ता संग्राम शुरू होने के आसार भी बढ़ गए हैं। अब देखना यह है कि यदि सरकार ने दायित्वधारियों की नियुक्ति की तो इसमें कौन लोग रिपीट होते हैं और कौन नए लोग दायित्व पाने में सफल होते हैं। इस पर ही भाजपा की भावी सियासत का भी निर्धारण होगा।