G-KBRGW2NTQN फिर मरी संवेदना, युवकी की ले जी जान – Devbhoomi Samvad

फिर मरी संवेदना, युवकी की ले जी जान

पौड़ी। कोरोना महामारी के बीच मानवीय संवेदनाओं की मर मिटने की अनेक दास्तां हैं। ऐसे ही एक मामले में कोट विकासखण्ड के खोन गांव के एक युवक ने लगभग 16 घंटे तक दर्द से कराहने के बाद दम तोड़ दिया। कोरोना संक्रमित होने की आशंका के चलते कोई भी ग्रामीण उसकी मदद को नहीं आया। उसकी मौत के बाद भी गांव का कोई व्यक्ति उसके शव को कांधा देने को तैयार नहीं हुआ। जांच में उसके कोरोना संक्रमित न होने की पुष्टि के बाद भी ग्रामीण उसके शव के निकट जाने को तैयार न हुए।
कोट विकासखण्ड के खोन गांव निवासी वीरेन्द्र मेरठ में प्राइवेट नौकरी करता था। गांव में उसकी बूढ़ी मां व  एक मानसिक रूप से विक्षिप्त बहन अकेली रहतीं थीं। युवक की पत्नी बच्चों को पढ़ाने के लिए श्रीनगर में अपने मायके में रह रही थी। बताया जा रहा है कि वीरेन्द्र बुधवार को अपने गांव लौटा था। उसका पहले पथरी का आपरेशन हुआ था जो सफल नहीं रहा था। इस कारण उसे अक्सर पेट में तीखा दर्द उठा करता था। बुधवार को गांव पहुंचने के बाद वीरेन्द्र को रात पेट में तेज दर्द होने लगा। रात गहराते ही दर्द इस कदर बढ़ गया कि उसकी चीख पुकार आस पास के घरों तक पहुंचने लगी। लेकिन कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते कोई भी उसकी मदद को नहीं आया। ग्रामीण गोपी के अनुसार वीरेन्द्र चूंकि मेरठ से आया था, इस कारण उसके कोरोना संक्रमित होने की आशंका अधिक थी। ग्रामीण वीरेन्द्र के घर में तो नहीं गए अलबत्ता सुबह होने पर उन्होंने 108 सेवा को फोन कर एंबुलेंस मंगवाई। लेकिन वीरेन्द्र की मानसिक रूप से विक्षिप्त बहिन ने उसे अस्पताल जाने नहीं दिया। वीरेन्द्र की बहिन का कहना था कि नजर दोष व देवताओं के प्रकोप के कारण वीरेन्द्र परेशान है, ऐसे में अस्पताल ले जाने से कोई फायदा न होगा। दोपहर तक असहनीय दर्द के चलते वीरेन्द्र की घर में ही मौत हो गई। इसके बाद भी ग्रामीण वीरेन्द्र के शव के निकट जाने को तैयार नहीं  हुए। सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची व मृतक का कोरोना टेस्ट किया। डा0 उपेन्द्र पंवार ने बताया कि युवक कोरोना संक्रमित नहीं था। उपजिलाधिकारी श्याम सिंह राणा ने बताया कि युवक के संक्रमित न होने के कारण उसके शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया। बताया जा रहा है कि गुरुवार देर रात मृतक की पत्नी व जीजा गांव पहुंचे। शुक्रवार सुबह काफी समझाने बुझाने के बाद ग्रामीण युवक के शव को कांधा देने को तैयार हुए। जिसके बाद चंद व्यक्तियों की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *