दिल्ली। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में दिल्ली और एनसीआर के आंदोलनकारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर दिल्ली दौरे पर गए सीएम तीरथ सिंह रावत से भेंटकर समास्याओं के समाधान की मांग की है। आंदोलनकारियों ने सीएम को एक ज्ञापन भी सौंपा।
आंदोलनकारी मनमोहन सिंह ने बताया कि सीएम को सौंपे ज्ञापन में आंदोलनकारियों ने लिखा है कि 2017 में उत्तराखण्ड सरकार ने दिल्ली एनसीआर के आठ लोगों की कमेटी गठित की थी। एसडीएम ने नेतृत्व में दिल्ली एनसीआर के राज्य आंदोलनकारियों की कमेठी ने 317 लोगों का चयन किया था। एसडीएम की स्वीकृति के बाद 317 लोगों को उत्तराखण्ड के 13 जिलों के जिलाधिकारियों को लिस्ट भेजी गयी थी, लेकिन इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई।
ज्ञापन में लिखा है कि यह सारी प्रक्रिया कमिश्नर आफिस आईटीओ में हुई थी। अखबार की कटिंग से 2008 और 2015 में भी इन्हीं लोगों का चयन हुआ था।
पत्र के साथ 2008 का जीओ, जिसमें अखबार की कटिंग और डीएम के विवेक के आदेश पर उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों को चिह्नित किया गया। उसी जीओ को फिर उत्तराखण्ड सरकार ने तीन जनवर 2017 को पुन: बहाल कर दिया। तीन जनवरी 2017 का जीओ में जिसमें स्पष्ट लिखा हुआ है कि अखबार की कतरन संगठन और डीएम के विवेक पर राज्य आंदोलनकारीचिह्नित किये गये। इन्ही जीओ को आधार मानकर सरकार से मांग ही किउत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों का चिह्नित कर सम्मान करें।