रैणी गांव की आपदा पर केंद्र सरकार का जवाब तलब
नैनीताल। नैनीताल उच्च न्यायालय ने चिपको आंदोलन के लिए मशहूर गांव रैणी ( चमोली) में सात फरवरी को आई आपदा के मामले में केंद्र सरकार का जवाब तलब कर दिया है। न्यायालय ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। इस मामले में पूर्व आदेश के तहत एनटीपीसी ने एक शपथ पत्र पेश किया और इसमें अभी तक 84 परिवारों को मुआवजा दिए जाने का दावा किया है। एनटीपीसी ने भी माना है कि अभी तक पहाड़ी क्षेत्रों में इस तरह की आपदाओं से बचने के लिए अर्ली अलार्मिग सिस्टम नहीं लगाए गए हैं। कंपनी का कहना है कि इस सिस्टम से कई लोगें की जान बचायी जा सकती थीं।
बुधवार को एनटीपीसी की ओर से जवाब पेश किया गया। इसमें अपने को जिम्मेदार कम्पनी बताया गया। कंपनी ने जवाब में मृतक व लापता लोगों के परिवारों को मानकों के अनुसार मुआवजा देने का जिक्र किया है। कंपनी का कहना है कि अभी तक चिन्हित 84 परिवारों को मुआवजा दे दिया गया। यह जवाब शपथ पत्र में पेश किया गया है। मामले से जुड़े पक्षों की दलील के बाद मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की संयुक्त खण्डपीठ केंद्र सरकार का जवाब तलब करने कर दिया। यह जनहित याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता पीसी तिवारी ने दाखिल की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि चमोली के रैणी गांव की महिला गौरा देवी सहित अन्य महिलाओं ने वनों को बचाने के लिए सत्तर के दशक में यही से चिपकों आंदोलन शुरू किया था।