हादसों को न्यौता दे रहा जैली-मरगांव-तैला मोटरमार्ग
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जिले के सिलगढ़, बांगर, लस्या, बड़मा पट्टियों को जोड़ने वाला मोटरमार्ग आज दयनीय हालत में है। आलम यह है कि मोटरमार्ग पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं है। वाहन चालक जान हथेली पर रखकर मोटरमार्ग पर आवाजाही कर रहे हैं। दुखद बात यह कि मोटरमार्ग कटिंग के दस साल बाद भी डामरीकरण नहीं बिछाया गया है, जिससे मार्ग की हालत बद से बदतर होती जा रही है। इसके साथ ही ग्रामीणों को आज तक कटिंग का मुआवजा भी नहीं दिया गया है, जिससे ग्रामीणों में विभाग के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है।
बता दें कि वर्ष 2008 में छ: किमी जैली-मरगांव-तैला मोटरमार्ग निर्माण का कार्य शुरू हुआ। मोटरमार्ग निर्माण होने से ग्रामीणों को उम्मीद जगी थी कि अब उनके क्षेत्र का विकास होगा और उन्हें मीलों का सफर पैदल तय नहीं करना पड़ेगा, लेकिन ग्रामीणों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। लोक निर्माण विभाग की ओर से ना ही मोटरमार्ग की सही तरीके से कटिंग की गई और ना ही मार्ग पर दस साल बाद डामर बिछाया गया है। ऐसे में मोटरमार्ग जानलेवा बना हुआ है। बारिश होने पर मार्ग बंद हो जाता है, जिस कारण ग्रामीणों को दस से पन्द्रह किमी पैदल चलकर तिलवाड़ा पहुंचना पड़ता है। इसके अलावा मोटरमार्ग कटिंग का आज तक ग्रामीणों को मुआवजा तक नहीं मिल पाया है। क्षेत्र की पांच हजार जन संख्या को जोड़ने वाला मोटरमार्ग आज दयनीय हालत में है। मोटरमार्ग की सुध लेने के लिए कोई तैयार नहीं है। क्षेत्रीय ग्रामीण मोटरमार्ग पर डामर बिछाने को लेकर विभाग से लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगा चुके हैं, मगर उनकी एक नहीं सुनी जा रही है।
प्रधान बीना देवी एवं ग्रामीण पूर्णानंद गोस्वामी ने बताया कि मोटरमार्ग पर घटिया तरीके से कार्य किया गया है। इसकी शिकायत कटिंग के दौरान भी की गई, मगर किसी ने भी ग्रामीणों की नहीं सुनी। आज स्थिति यह है कि विभागीय लापरवाही का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। मोटरमार्ग हादसों को न्यौता दे रहा मार्ग है। डामरीकरण की फाइल शासन स्तर पर जंक खा रही है। उन्होंने कहा कि बारिश के समय मार्ग पर भूस्खलन होने लगता है, जिस कारण मार्ग बंद हो जाता है। ऐसे में ग्रामीणों को दस से पन्द्रह किमी पैदल चलकर रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना पड़ता है। कहा कि ग्रामीणों को आज तक कटिंग का मुआवजा भी नहीं मिला है, जिस कारण ग्रामीणों में विभाग के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सिर्फ ग्रामीणों को बेवकूफ बनाने में लगे हुए हैं। वहीं लोनिवि के अधिशासी अभियंता इन्द्रजीत बोस ने कहा कि मोटरमार्ग पर तीन किमी डामर बिछाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है, जिस पर जुलाई अंतिम सप्ताह तक कार्यवाही हो जायेगी। इसके अलावा कटिंग के मुआवजे को लेकर शासन से धनराशि की मांग की गई है।