G-KBRGW2NTQN हर वर्ष 5 अरब पेड़ लगाए जाते हैं और 10 अरब काटे जाते हैं : डॉ. तिवारी – Devbhoomi Samvad

हर वर्ष 5 अरब पेड़ लगाए जाते हैं और 10 अरब काटे जाते हैं : डॉ. तिवारी

नैनीताल। कुमाऊं विविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक एवं शोध निदेशक डॉ. ललित तिवारी ने हरेला पर्व के मौके के लिए पेड़ों की महत्ता पर एक लेख लिखा है। उनके अनुसार पेड़ धरती पर सबसे पुराने जीव हैं। यह कभी भी ज्यादा उम्र की वजह से नही मरते। हर वर्ष 5 अरब पेड़ लगाए जा रहे है लेकिन हर वर्ष 10 अरब पेड़ काटे भी जा रहे हैं। एक पेड़ दिन में इतनी आक्सीजन देता है कि चार आदमी जीवित रह सकें। दुनिया में सबसे अधिक पेड़ रूस में है उसके बाद कनाडा में उसके बाद ब्राजील में फिर अमेरिका में और उसके बाद भारत में केवल 35 अरब पेड़ बचे हैं।
एक इंसान के लिए 422 पेड़ बचे है लेकिन अग्र भारत की बात करें तो एक हिंदुस्तानी के लिए सिर्फ 28 पेड़ बचे हैं। पेड़ों की कतार धूल-मिट्टी के स्तर को 75 प्रतिशत तक कम कर देती है और 50 प्रतिशत तक शोर को कम करती है। एक पेड़ इतनी ठंडक पैदा करता है जितनी एक एसी 10 कमरों में 20 घंटो तक चलने पर करता है। जो इलाका पेड़ों से घिरा होता है वह दूसरे इलाकों की तुलना में 9 डिग्री तक ठंडा रहता है। पेड़ अपनी 10 प्रतिशत खुराक मिट्टी से और 90 प्रतिशत खुराक हवा से लेते है। एक एकड़ में लगे हुए पेड़ एक वर्ष में इतनी कार्बन डाइआक्साइड सोख लेते है जिनती एक कार 41000 किमी चलने पर छोड़ती है। दुनिया की 20 प्रतिशत आक्सीजन अमेजन के वनों द्वारा पैदा की जाती है। ये वन 8 करोड़ 15 लाख एकड़ में फैले हुए हैं। पेड़ की जडं़े बहुत नीचे तक जा सकती है। दक्षिण अफ्रिका में एक अंजीर के पेड़ की जड़ें 400 फीट नीचे तक पायी गयी थीं। दुनिया का सबसे पुराना पेड़ स्वीडन के डलारना प्रांत में है। स्प्रूस का यह पेड़ 9,500 वर्ष पुराना है। किसी एक पेड़ का नाम लेना मुश्किल है लेकिन तुलसी, पीपल, नीम और बरगद दूसरों के मुकाबले अधिक आक्सीजन पैदा करते हैं। वि में वनों की प्रतिशतता 31 प्रतिशत, भारत में 20-88 प्रतिशत और उत्तराखंड में 65 प्रतिशत है। वि में पेड़ों की 60,065 प्रजातियाँ और भारत में 18,000 प्रजातियाँ पायी जाती है। भारत का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद है। आइये इस धरा के पर्यावरण को बचाने के लिए एक वृक्ष का पौधा अवश्य लगायें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *