सावन माह में पौराणिक जागर गायन होगा शुरू
जागर गायन दो माह तक किया जाता है। शिवराज सिंह पंवार ने बताया कि भगवती राकेश्वरी का पावन तीर्थ मदमहेश्वर घाटी के रासी गांव में विराजमान है। इस पावन तीर्थ में मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। मुकन्दी सिंह पंवार ने बताया कि दो माह तक चलने वाले जागर में देवभूमि उत्तराखंड के प्रवेश द्वार हरिद्वार से चौखम्बा हिमालय तक विराजमान हर तीर्थ की महिमा का गुणगान किया जाता है। कार्तिक सिंह खोयाल ने बताया कि दो माह तक चलने वाले जागरों के माध्यम से शिव – पार्वती विवाह, भगवान विष्णु की महिमा, मर्यादा पुरुषोत्तम रामचंद्र की जीवन लीला का वृतान्त, भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं पर आधारित विभिन्न लीलाओं का गुणगान के साथ ही महाभारत युद्ध के बाद पाण्डवों के स्वर्गारोहण गमन के वृतान्त व पंच बद्री, पंच केदार सहित सभी धामों की महिमा का गुणगान किया जाता है।