देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरेला पर्व पर नई परंपरा की शुरूआत करते हुए बुके के स्थान पर लोगों से पौध भेंट करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि शिष्टाचार भेंट आदि के समय बुके के साथ पर पौधे ही भेंट दिए जाने चाहिए। इससे निरंतर पौधरोपण से लुप्तप्राय जल स्रेतों का भी संबर्धन होगा। हमारी सांस्कृतिक धरोहर एवं संपन्नता का प्रतीक है। ऐसे कार्यक्रमों में जनजन की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा पौधरोपण के साथ ही पौधों के संरक्षण पर विशेष जोर देना होगा।
पर्यावरण संरक्षण का लोकपर्व हरेला प्रदेश में हषरेल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को एमडीडीए सिटी पार्क सहित देहरादून के कई स्थानों पर पौधरोपण कर जनता को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस अवसर पर देहरादून जनपद में पांच लाख पौधे रोपित किए गए। एमडीडीए सिटी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि पर्यावरण संतुलन के साथ संतुलित विकास यह हम सब की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा प्रकृति के संरक्षण में सभी की भागीदारी जरूरी है। इस अवसर पर जनपद के वन प्रभागों, विकासखण्डों एवं नगरीय निकायों की ओर से विभिन्न प्रकार के फल पौधे एवं वन प्रजातियों के 500436 पौधों का रोपण किया गया। यह रोपण पूर्वान्ह 11.30 बजे से अपरान्ह 12.30 बजे तक संपन्न किया गया। इसका सजीव प्रसारण मुख्यमंत्री के सामने सिटी पार्क में किया गया। इसके साथ ही विकासनगर, सहसपुर, रायपुर तथा मसूरी वन प्रभाग में कुल चार स्थानों पर ड्रोन के माध्यम से फोटोग्राफी व वीडियो कवरेज किया गया। विदित हो कि विगत वर्ष हरेला पर्व के अवसर पर जनपद में 3,53,000 पौधों का रोपण किया गया था। आज रोपे गये पौधों की व्यवस्था सभी विभागों की ओर से अपने विभागीय बजट से की गई, जबकि नगर निकायों के लिए 15,000 पौधों की व्यवस्था एमडीडीए की ओर से की गई। इसके अलावा जनपद के विभिन्न जोन में मुख्य उद्यान अधिकारी कार्यालय की ओर से अपने विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से 56,900 पौधे रोपित किए गए।