जूना अखाडा के 105 वर्षीय श्रीमहंत सोहन गिरि हुए ब्रहमलीन संतो में शोक की लहर
हरिद्वार। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के वयोवृद्व पूर्व अन्र्तराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत सोहनगिरि का रविवार सुबह ब्रह्रममुहूर्त मे ब्रहमलीन हो गये। सूचना मिलने पर जूना अखाड़ा सहित समस्त संत समाज में शोक की लहर दौड़ गयी है। वह 105 वर्ष के थे। वह अन्तिम समय तक पूरी तरह से सक्रिय रहे। जूना अखाड़े के अन्तर्राष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि, अन्र्तराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि ने बताया ब्रह्रमलीन श्रीमहंत सोहन गिरि को गढ़मुक्तेर ब्रजघाट स्थित सूरजगिरि आश्रम में भू-समाधि दी जाएगी। उनके अन्तिम संस्कार में भाग लेने के लिए पूरे देश से साधु संत तथा विभिन्न अखाड़ों के नागा सन्यासी महामण्डलेर व अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी बृजघाट पहुंच रहे है। कहा कि उनके द्वारा बताये मार्ग पर चलना ही उन्हें सच्ची श्रद्वांजलि होगी। उनकी आत्मा की शांति के लिए जूना अखाड़े के सभी प्रमुख मठों, मायादेवी, भैरव मन्दिर, मौजागिरि मन्दिर प्रयागराज, बड़ा हनुमान द्वार बनारस, खेड़ामढ़ी बरेली, नीलगंगा उज्जैन, नासिक, भखनाथ मन्दिर जूनागढ़ आदि में विशेष पूजा अर्चना की जायेगी। श्रद्धांजली देने वालो में अन्र्तराष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत मोंहन भारती, श्रीमहंत महेशपुरी, अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि, अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती, पूर्व सचिव श्रीमहंत चंचल गिरि, श्रीमहंत शिवानंद सरस्वती, अष्टकौशल, श्रीमहंत सुरेशानंद सरस्वती, थानापति मुन्ना गिरि, महंत आजाद गिरि, महंत रणधीर गिरि आदि उपस्थित रहे।