नैनीताल। उच्च न्यायालय ने कोर्ट के पूर्व का आदेश का पालन न करने और तथ्यों को तोड़-मरोड़कर कर पेश करने के मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी मदन सिंह रावत के खिलाफ अवमानना के के आरोप निर्धारित करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी 11 अगस्त तक जवाब पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई। मामले के अनुसार जनता इंटर कालेज डांगीधर पौड़ी के प्रबंधक उत्तम सिंह नेगी ने हाइकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि पूर्व में उच्च न्यायालय ने मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी को आदेश दिये थे कि उनके प्रत्यावेदन को विधि अनुसार निस्तारित करे, मुख्य शिक्षा अधिकारी ने उनका प्रत्यावेदन को यह कहकर निरस्त कर दिया कि प्रबंध समिति के सदस्यों के चुनाव के लिए विज्ञप्ति शाह टाइम्स में निकाली गई थी जो उनकी लिस्ट में नहीं है जबकि उनकी लिस्ट में दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान, अमर उजाला और राष्ट्रीय सहारा अखबार थे। पूर्व में उनके द्वारा याचिका में कहा गया था कि कलेज के प्रबंध समिति का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है जो अब समाप्त होने वाला है समय समाप्त होने से पहले नई समिति का गठन किया जाए। इस संबंध में उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र दिया था, जिस पर उन्होंने समिति के गठन के लिए शाह टाइम्स में विज्ञप्ति निकाली जबकि यह समाचार पत्र कालेज की लिस्ट में शामिल नहीं था। जब प्रबंधक द्वारा नई समिति का चुनाव कराने को कहा तो अािकारी ने यह कहकर उनका प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया था कि शाह टाइम्स समाचार पत्र कालेज की लिस्ट में त्रुटिपूर्वक शामिल हो गया था। अवमानना की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मुख्य शिक्षा अधिकारी से कहा कि यह तथ्य आपको याचिका की सुनवाई के दौरान रखना चाहिए था। आपने इस तथ्य को छिपाकर कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है। इसलिए आपके खिलाफ अवमानना के चार्ज फ्रेम किये जाते हैं।