G-KBRGW2NTQN कोरोना कर्फ्यू से पहाड़ में जेब, जिंदगी, सेहत सब ढीले – Devbhoomi Samvad

कोरोना कर्फ्यू से पहाड़ में जेब, जिंदगी, सेहत सब ढीले

देहरादून।  कोरोना कर्फ्यू से सूबे में लोगों की जिंदगी, जेब और सेहत सब ढीले हो गए। जन हस्तक्षेप के बैनर तले 14 और 15 जुलाई को महामारी और लॉक डाउन से राज्य में पैदा स्थिति पर राज्य के इतिहास की पहली ऑनलाइन जन सुनवाई की गई। जिसमें सामने आए तथ्यों की रिपोर्ट रविवार जन सुनवाई के तीन वरिष्ठ जजों हरियाणा के पूर्व डीजीपी डॉ. विकास नारायण राय, नैनीताल हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डीके जोशी और महिला समाख्या की पूर्व निदेशक डॉ. गीता गैरोला ने पेश की।  जन सुनवाई में आठ जिलों देहरादून, टिहरी गढ़वाल, चमोली, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, बागेर और नैनीताल से प्रतिनिधियों ने भागीदारी की । जजों ने बताया कि पूरे राज्य और खास तौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में परिस्थिति बहुत गंभीर और चिंताजनक है।
जन सुनवाई में स्वास्थ को ले कर स्वास्थ्य कर्मियों की अस्थायी नियुक्ति, कम वेतन, सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था में कोई समन्वय न होना,  व्यवस्थाओं में गंभीर कमी,और ऐसे अन्य कई  मुद्दे सामने आये। लोगों की आर्थिक स्थिति को ले कर बेरोजगारी, राशन व्यवस्था में गंभीर कमी, और अधिकांश उत्तराखंडियों के लिए कोई आर्थिक सहायता न मिलने की बात भी सामने आयी।  वरिष्ठ जजों ने आम लोगों के कानूनी हकों का उल्लंघन होने के बारे में भी चिंता जताई।  खास तौर पर निर्माण मजदूरों की कल्याणकारी योजनाओं द्वारा उनके लाभ नहीं मिला है, और वन गुज्जरों के वन अधिकारों का गंभीर उलंघन हुआ है।   कांग्रेस पार्टी के पूर्व राज्य अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव समर भंडारी ने जन सुनवाई का प्रक्रिया और रिपोर्ट को समर्थन करते हुए सरकार ने निवेदन किया कि वे रिपोर्ट के प्रस्तावों पर जल्द से जल्द कार्यवाही करे।

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