कांग्रेस भू-व्यवस्था को एकरुपता लाने की पक्षधर
देहरादून। कांग्रेस पार्टी राज्य भर की भू-व्यवस्था को एकरुपता में लाने की पक्षधर रही है। कांग्रेस का मानना है कि अभी राज्य में जमीन से संबधित दर्जन भर कानून हैं। हमारे पूर्ववर्ती राज्य उत्तर प्रदेश ने उन सभी कानूनों का एकीकरण या विलोपन कर ‘‘ उत्तर प्रदेश भू-राजस्व संहिता – 2006 का रुप दे दिया है। कांग्रेस का मानना है उत्तराखण्ड में भी अब एकीकृत भू-कानून की आवष्यकता है और उस कानून में ऐसे कड़ी धाराओं को सम्मलित करने की आवष्यकता है जो कि पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों की कृशि भूमि और अन्य समुदाय की भूमि को बाहरी खरीददारों और मुफ्तखोर कंपनियों से बचाए। कांग्रेस इसके अलावा भू-बंदोबस्त कराने और पर्वतीय गांवों में भी चकबंदी कराने की पक्षधर है। पूर्व में कांग्रेस की हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पर्वतीय क्षेत्र में चकबंदी कराने हेतु विधानसभा में कानून बनाया था और पर्वतीय चंकबदी के लिए अलग विभाग खोला था लेकिन भाजपा की सरकार इन साढे़ चार सालों में एक भी गांव की चकबंदी नहीं कर पायी साथ ही पर्वतीय चकबंदी के लिए खोला गया विभाग भी बंद कर दिया।
एकीकृत भू-कानून या राजस्व संहिता, भू-बंदोबस्त, चकबंदी तथा मनमोहन सिंह सरकार द्वारा संसद में पास किए गए अनूसूचित जनजाति और फोरेस्ट डवैलर एक्ट (वनाधिकार) के लाभों से उत्तराखण्ड के निवासियों को वंचित करने संबधी अन्य विषयों पर भविष्य में पृथक से प्रेस वार्ता का आयोजन किया जाएगा।