गौचर। पवन हंस हेलीकाप्टर सेवा ने लंबे समय बाद फिर उडान भर दी है। इसके चलते लग रहा है कि सरकार ने एक बार फिर उड़ान योजना के तहत गौचर से देहरादून के लिए हेलीकाप्टर सेवा शुरू करने का मन बना लिया है।
केंद्र सरकार ने पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को सुविधाजनक हवाई सेवा प्रदान करने के लिए उड़ान योजना के तहत गढ़वाल मंडल में गौचर, श्रीनगर तथा टिहरी से हेलीकाप्टर सेवा शुरू की थी हालांकि शुरुआती दौर में गत वर्ष फरवरी माह में इस योजना को केवल गौचर से देहरादून के लिए चलाया गया था तब इसका जिम्मा हैरीटेज ऐविएसन हेलीकाप्टर कंपनी को सौंपा गया था। कंपनी दिन के दो चक्कर देहरादून से गौचर के लगाती रही और प्रति व्यक्ति किराया 4125 लिया जाता रहा। इस कंपनी ने कभी भी अपनी सर्विस को बंद नहीं होने दिया। कुछ समय बाद लोगों ने इस योजना का लाभ लेना भी शुरू कर दिया था।
गत वर्ष मार्च माह में कोरोना बीमारी की वजह से देश भर में लगाए गए लाकडाउन की वजह से इस सेवा को भी स्थगित कर दिया गया। कारण जो भी रहा हो कुछ महीनों बाद इस योजना का रूट बदलकर देहरादून, टिहरी, श्रीनगर, गौचर कर इसका जिम्मा पवन हंस हेलीकाप्टर सेवा को सौंप दिया गया। किराया 8709 रुपए कर दिया गया। सेवा भी सप्ताह में मात्र तीन दिन की गई। भारी भरकम किराया व समय अधिक लगने की वजह से लोगों ने इस योजना से किनारा करना ही उचित समझा। एकाध मौका ही ऐसा रहा होगा कि जब पवन हंस के हेलीकाप्टर में सवारी बैठी होगी हालांकि किराया ज्यादा होने का पूरे जनपद में इस योजना का विरोध भी हुआ लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के बाद इस योजना को पुन: बंद कर दिया गया था।
बुधवार को एक बार पुन: पवन हंस के हेलीकाप्टर को नए किराए 9300 रुपए के साथ देहरादून से गौचर हवाई पट्टी पर लैंड करवाया गया। हेलीकाप्टर ने कुछ ही समय बाद पुन: वापसी के लिए उड़ान भर दी। बताया जा रहा कि बुधवार को हेलीकाप्टर बिना सवारी के उतरा और खाली वापस चला गया। माना जा रहा है कि सरकार ने किरकिरी से बचने के लिए उड़ान योजना को शुरू करने का मन बनाया लिया है, लेकिन सरकार ने जिस प्रकार से पुन: किराए में बढ़ोतरी की इससे लोग इस योजना को किस रूप में लेते हैं यह तो समय ही बताएगा। सरकार भले ही गौचर से देहरादून के लिए चलाई जा रही हेलीकाप्टर सेवा को अपनी उपलब्धि मान रही हो लेकिन भारी भरकम किराए की वजह से यह योजना लोगों को राश नहीं आ रही है।