G-KBRGW2NTQN त्रिवेंद्र सरकार का भू कानून रद्द हो – Devbhoomi Samvad

त्रिवेंद्र सरकार का भू कानून रद्द हो

उत्तराखंड को विशेष दर्जा दिया जाए : उपपा
हल्द्वानी। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने आज कहा कि भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार द्वारा लाए गए उद्योगों के नाम पर कृषि भूमि के असीमित खरीद के कानून को निरस्त कराना और उत्तराखंड को अनेक अन्य पहाड़ी राज्यों व अन्य क्षेत्रों की तरह संविधान के अनुच्छेद 371 के अन्तर्गत विशेष दर्ज़ा दिलाना उनकी पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता में है।
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कहा कि उनकी पार्टी ने राज्य की ज़मीनों की लूट के ख़िलाफ़ हमेशा आर पार की लड़ाई लड़ी है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय दल पूरे 5 साल बूथ हथियाने की साज़िश करते रहते हैं। जन समस्याओं और जनता की तकलीफों से उनका कोई लेना देना नहीं होता है। इसी कारण राज्य की भारी दुर्दशा हुई है। इस स्थिति को बदलने की जरूरत है।
राज्य में भू कानून को लेकर चल रही बहस के बीच पार्टी की ओर से आयोजित जन संवाद “ख़तरे में है उत्तराखंडी अस्मिता” में भाग लेने आए उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड की जनता ने उत्तराखंड की जिस आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक अस्मिता की रक्षा के लिए राज्य निर्माण का ऐतिहासिक आंदोलन लड़ा था उसके सपनों को दिल्ली की कठपुतली सरकारों और उनके जाल में फंसने वाले क्षेत्रीय नेताओं ने ध्वस्त कर दिया है।
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना काल ने हमारे नेताओं के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार के खौखले दावों की हवा निकाल दी है। जिसके चलते राज्य में हर वक़्त बूथ बूथ कहकर वोट हथियाने वाले राजनीतिक दलों के ख़िलाफ़ युवाओं बेरोजगारों व आम लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है।
तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड में जो भी लोग सही मायनों में विकास रोज़गार व आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ना चाहते हैं उनके सामने उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी सर्वोत्तम राजनीतिक विकल्प है।
जिसके साथ जुड़कर समान विचारों के सामाजिक व राजनितिक आंदोलनों को एकजुट किया जा सकता है।
उपपा अध्यक्ष ने कहा कि सरकारों और राजनैतिक दल सत्ता में पहुंचने के लिए अंग्रेजों की बाटों और राज करों की नीति पर चल रहे हैं।
उपपा अध्यक्ष ने कहा कि वे चाहते हैं कि राज्य की तमाम सकारात्मक शक्तियां और उनके प्रतिनिधि आम जनता को बांटनें की राजनीति को त्यागकर राज्य की अस्मिता प्राकृतिक संसाधनों पर जनता के अधिकार के लिए आपसी विमर्श का रास्ता निकालें जिसके लिए उपपा पहल करने को तैयार है।

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