देहरादून। प्रदेश में विभिन्न दैवीय आपदाओं से प्रभावित सात जनपदों के 133 परिवारों का शीघ्र पुनर्वास किया जायेगा। इन आपदा प्रभावित परिवारों की शासन स्तर पर कार्यवाही युद्धस्तर पर जारी है। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डा.धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार विस्थापन एवं पुनर्वास नीति के अंतर्गत आपदा प्रभावित परिवारों का पुनर्वास करने में जुटी है। पुनर्वास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंतर्गत अब तक 31 गांवों के 336 परिवारों का पुनर्वास कर दिया गया है। इनके पुनर्वास के लिए राज्य सरकार द्वारा 13 करोड़ 35 लाख 30 हजार की धनराशि जारी की गई है। सूबे के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डा. धन सिंह रावत ने मीडिया को बताया कि राज्य सरकार विभिन्न दैवीय आपदाओं से प्रभावित लोगों के प्रति संजीदा है और सरकार प्राथमिकता के आधार पर पुनर्वास के कार्य में जुटी है।
डा.रावत ने कहा कि पुनर्वास के कायरे में तेजी लाई जाएगी और शीघ्र ही 133 आपदा प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया जायेगा। जिसमें पिथौरागढ़ जनपद के अंतर्गत कनालीछीना तहसील के 4 परिवार, रुद्रप्रयाग जनपद की ऊखीमठ तहसील के 73 परिवार, अल्मोड़ा जनपद में 4 परिवार, बागेर जनपद के अंतर्गत गरूड़ तहसील के 2 परिवार एवं कपकोट तहसील के 7 परिवार, टिहरी गढ़वाल के 21 परिवार, जनपद उत्तरकाशी के बड़कोट तहसील के 20 परिवार तथा चमोली जनपद की घाट तहसील के 2 परिवार शामिल हैं। डा. रावत ने कहा कि पुनर्वास योजना के अंतर्गत सभी परिवारों के पुनर्वास की कार्यवाही विभागीय स्तर पर अंतिम चरण में है। विभागीय मंत्री ने कहा कि वर्षो से शिथिल पड़े पुनर्वास के मामलों में तेजी से कार्यवाही की जा रही है। जिसका नतीजा है कि अब तक वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंतर्गत प्रदेश भर के 336 आपदा प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया जा चुका है।
जिसमें पिथौरागढ़ के 235 परिवार, उत्तरकाशी के 94 परिवार, अल्मोड़ा के 4 परिवार और रुद्रप्रयाग के 3 परिवार शमिल हैं। इन आपदा प्रभावित परिवारों के लिए राज्य सरकार द्वारा पुनर्वास मानकों के अंतर्गत 13 करोड़ 35 लाख 30 हजार की धनराशि जारी की गई। डा. रावत ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 258 आपदा प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया गया। इससे पूर्व वित्तीय वर्ष 2018-19 में 151 परिवार जबकि 2019-20 में 360 आपदा प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया जा चुका है।