न शहीदों के सपनों का राज्य बना न खलनायक दंडित हुए : तिवारी
खटीमा कांड की बरसी पर शहीदों को किया याद
अल्मोड़ा।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने राज्य आंदोलन के शहीदों की याद में श्रद्धांजलि सभा धरना आयोजित करते हुए कहा कि 21 वर्षों के उत्तराखंड राज्य में न शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बना न राज्य की अस्मिता से खिलवाड़ करने वाले खलनायकों को दण्डित कर पाए। इससे राज्य में भारी निराशा व हताशा है।
गांधी पार्क में धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कहा कि इसकी स्थिति के लिए कोंग्रेस,भाजपा और उसके साथ सत्ता में भागीदार रहे दल ज़िम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा कि शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए एक सशक्त राजनैतिक संघर्ष ज़रूरी हो गया है जो उत्तराखंड की क्षेत्रीय अस्मिता की रक्षा कर सके और उसके लिए दिल्ली की कठपुतली सरकारों से मुक्ति पाना ज़रूरी होगा।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार प्रातः 11 बजे खटीमा में 1 सितम्बर को शहीद हुए प्रताप सिंह, भुवन सिंह, सलीम, परमवीर सिंह एवं उनके साथियों के साथ मसूरी, मुज़फ्फरनगर की हृदय विदारक घटनाओं को याद करते हुए आरोप लगाया कि उत्तराखंड व देश के लोकतंत्र को कलंकित करने वाली इन घटनाओं में हमारे राजनेताओं ने तत्कालीन जिलाधिकारी अनंत कुमार सिंह को संरक्षण देकर राज्य की अस्मिता को कुचलने का काम किया पर उत्तराखंड की सत्ता में बैठे लोगों ने कभी इस मामले के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई।
सभा को संबोधित करते हुए सेवा निवृत पैरामिलिट्री फोर्स के मंडलीय अध्यक्ष मनोहर सिंह नेगी ने कहा कि इन 21 वर्षों में हमारे राजनेताओं और नौकरशाहों ने राज्य को कंगाल बना दिया।
हमारे प्राकृतिक संसाधनों ज़मीनों की निर्मम लूट हो रही है जिसके लिए संघर्ष करना मज़बूरी है।
इस दौरान जनगीतों व नारों से शहीदों के शब्दों का उत्तराखंड बनाने का संकल्प दोहराया गया।
राज्य में चल रहे आशा कार्यकर्ताओं और तमाम यूनियन श्रमिक संगठनों के आंदोलनों की जायज मांगों के प्रति समर्थन व्यक्त किया गया।
इस मौके पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को पार्टी की केंद्रीय सचिव आनंदी वर्मा एवं संचालन पार्टी के केंद्रीय सचिव अमिनुज रहमान एवं एडवोकेट नारायण राम ने किया। सभा को पार्टी की नगर अध्यक्ष श्रीमती हीरा देवी उपाध्यक्ष सरीता देवी, वसीम अहमद, भावना मनकोटी, सोमेश्वर प्रभारी किरन आर्या, सरस्वती देवी, चितई के प्रकाश चन्द्र, प्रसन्न कपूर, गोपाल राम समेत अनेक लोगों ने संबोधित किया।
सभा में देश में 9 माह से चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए मोदी सरकार से अड़ियल रवैया छोड़ कर तीनों काले कृषि कानून को रद्द करने की मांग की गई। और उत्तराखंड में सशक्त भू कानून के सवालों पर जनता को एकजुट कर उन्हें जगह जगह खुली संगोष्ठी करने का फैसला भी लिया गया।
कार्यक्रम में राजू गिरी, भावना मनकोटी, एडवोकेट जीवन चंद, मनोज, धीरेन्द्र मोहन पंत, चंपा सुयाल, मंजू बिष्ट, सरोज, वंदना कोहली, श्रीमती रुबीना परवीन, शंकर राम, जगदीश राम, नारायण राम, शीला देवी समेत बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।