हाइड्रो प्रोजेक्ट पर आएगी 20 हजार करोड़ की लागत
ऋषिकेश। टीएचडीसी इंडिया लिमिडेट उत्तराखंड सरकार के साथ प्रदेश के विकास के लिए 20 हजार करोड़ की लागत से उत्तराखंड की नदियों में हाइड्रो प्रोजेक्ट का निर्माण करेगी। अपने कार्यालय में पत्रकारों को जानकारी देते हुए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) राजीव विश्नोई ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के सहयोग से टीएचडीसी धौलीगंगा घाटी में चुंगरचाल (240 मेवा), सेला उर्थिग (230 मेवा), उर्थिग सोबला (340 मेवा) अलकनंदा घाटी में बगोली एचईपी (111 मेवा पिंडर), नंदप्रयाग लंगासू (100 मेवा), गौरीगंगा (135 मेवा), टोंस घाटी आराकोट त्यूनी (70 मेवा), त्यूनी पलासू (42 मेवा) मोरी हनोल (63 मेवा) हनोल त्यूनी (50 मेवा) किसाऊ (660 मेवा) और यमुना घाटी लखवाड़ में (300 मेवा) की बिजली परियोजना शुरू की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इसमें 75 फीसदी टीएचडीसी और 25 फीसद राज्य सरकार खर्च करेगी। खास बात यह है कि इन परियोजना में सरकार को विस्थापन की जादा मार नहीं झेलनी पड़ेगी। जरूरत पड़ने पर ही विस्थापन किया जाएगा। विस्थापितों का सरकार की तरफ से उचित मुआवजा मिलेगा। इसके अलावा प्रदेश सरकार को इन परियोजना से उत्पन्न होने वाली बिजली का सौ फीसदी हिस्सा मिलेगा। उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में टीएचडीसी दो हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू कर रहा है। जिसमें बुंदेलखंड में 1200 मेवा व चित्रकूट में 800 मेवा शामिल है।
उत्तराखंड की सड़कों का सुधार करेगा टीएचडीसी
टीएचडीसी का निर्माण बिजली उत्पादन के लिए हुआ था। अब टीएचडीसी उत्तराखंड की सड़कों का भी सुधार करेगा। ऑलवेदर रोड़ के तहत उत्तराखंड में जिन जगह में भूस्खलन हो रहा है टीएचडीसी के निरीक्षण कर सुधार करेगा। इसके लिए टीएचडीसी नरेन्द्रनगर-चंबा व तोताघाटी मार्ग पर पहले से काम कर रहा है। इसके अलावा टीएचडीसी लोक निर्माण विभाग की सड़कों का अपनी इंजीनियरिंग के बलबूते सुधार करेगा। इसके लिए टीएचडीसी लोनिवि के 20 सड़कों का चयन किया है।