सचिवालय के खाली केबिन में लिया गया था इंटरव्यू
देहरादून। सचिवालय और अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगारों से लाखों करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पटेलनगर पुलिस ने भंडाफोड़ कर दिया है। पुलिस ने गिरोह के मुख्य सरगना को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि अन्य सदस्य फिलहाल फरार बताए जा रहे हैं। आरोपितों ने सचिवालय के अंदर खाली केबिन में बेरोजगारों के इंटरव्यू लिए थे और उन्हें फर्जी ज्वाईनिंग लैटर थम दिए थे। पुलिस को सारे मामले में सचिवालय और विधानसभा के अन्य लोगों की संलिप्तता का संदेह है।
आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खण्डूरी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि मनीष कुमार निवासी गौशाला नदी रोड मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश ने शिकायत दी थी कि कमल किशोर पाण्डेय, मनोज नेगी, चेतन पाण्डेय और ललित बिष्ट ने उससे व उसके रिश्तेदारों से सरकारी विभाग मे नौकरी दिलाने का झाँसा देकर 62 लाख रुपये हड़प लिए हैंं। कमल किशोर पाण्डेय ने खुद को प्रशासनिक अधिकारी व ललित बिष्ट ने खुद को सचिवालय मे सचिव के पद पर होना बताया था। जबकि मनोज नेगी ने खुद को अपर सचिव के पद पर नियुक्त बताते हुए रकम लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र दिए थे। मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान आरोपितों के खातों की बैंको से लेन-देन का विवरण निकाला गया। पता चला कि उनके खातों से पीडितों द्वारा समय-समय पर लाखों रुपये जमा कराए गए हैं। आरोपितों के खातों से करोडों रुपये का लेन-देन हुआ है। इस दौरान आरोपित लगातार फरार चल रहे थे और उनके मोबाइल फोन स्विच आफ आ रहे थे। लगातार प्रयास के दौरान मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने गिरोह के सरगना व मुख्य आरोपित कमल किशोर पाण्डेय को त्यागी रोड संगम होटल के पास से गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया कि वह व उसके साथी सचिवालय मे अपने आप को बडा अधिकारी बताकर कई लोगों से विभिन्न सरकारी विभागो में नौकरी दिलाने के नाम पर करोडों रुपये ले चुके हैं। उसने आवेदको को इण्टरव्यू के लिए सचिवालय व विधानसभा ले जाना और आवेदको को फर्जी नियुक्ति पत्र देना स्वीकार किया। पुलिस ने आशंका जताई है कि धोखाधड़ी के इस बड़े मामले में सचिवालय व विधानसभा के अन्य लोगों की भी संलिप्तता हो सकती है।