G-KBRGW2NTQN महिलाओं, नौजवानों, किसानों भागीदारी से उत्तराखण्ड की प्रगति सम्भव : राज्यपाल – Devbhoomi Samvad

महिलाओं, नौजवानों, किसानों भागीदारी से उत्तराखण्ड की प्रगति सम्भव : राज्यपाल

 राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाए
देहरादून। राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह (से.नि.) ने प्रदेशवासियों को  राज्य स्थापना दिवस की  शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य के समने  चुनौतियां खड़ी हैं। इन चुनौतियों का सामना सभी को मिलकर करना है। यहां की महिलाओं, नौजवानों, किसानों तथा सभी समुदायों की सम्मिलित भागीदारी से उत्तराखण्ड की प्रगति तथा समृद्धि सम्भव है। उन्होने राज्य निर्माण आंदोलन के सभी ज्ञात-अज्ञात अमर शहीदों, आंदोलनकारियों को श्रद्धाजंलि करते हु़ए देश की सुरक्षा में अपना जीवन बलिदान करने वाले वीर शहीदों को भी श्रद्धासुमन अर्पित किये हैं। राज्यपाल ने कहा कि राज्य ने अपनी स्थापना के 21 वर्ष पूरे कर लिये हैं।आज उत्तराखण्ड पूर्णत: युवा हो चुका है। निश्चित रूप से इन इक्कीस वर्षों में उत्तराखण्ड राज्य ने बहुत प्रगति की है,  सिंह ने कहा कि सैन्यधाम उत्तराखण्ड वीर सैनिकों की पवित्र भूमि है। राज्य सरकार द्वारा सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिये बहुत से प्रयास किये गये हैं। देहरादून में पंचमधाम के रूप में सैन्यधाम बनाया जा रहा है। यह हर सैनिक का साझा सम्मान है। राज्य में बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिक भी हैं। भूतपूर्व सैनिक राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वे अपने ज्ञान, अनुभव व प्रशिक्षण का लाभ समाज और राज्य को दे सकते हैं।
राज्यपाल  ने कहा कि उत्तराखण्ड निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आज भी राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाएँ ही आर्थिक व सामाजिक सरंचना की रीढ़ हैं। महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार हमारी प्राथमिकता होनी चाहिये। राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों के मायम से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। राज्य में स्थानीय उत्पादों पर आारित महिला उद्यमों को प्रोत्साहन से महिला सशक्तीकरण एवं स्थानीय उत्पादों के संरक्षण का दोहरा लक्ष्य प्राप्त होगा। हमें इस दिशा में महिलाओं के नेतृत्व क्षमता का विकास करना होगा।  गुरमीत सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पाद राज्य की आर्थिक समृद्धि का आधार बन सकते हैं। स्थानीय उत्पादों पर आधारित उद्यमों के प्रोत्साहन से आर्थिक स्वावलम्बन, स्वरोजगार तथा रिवर्स माइग्रेशन के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। प्रधानमंत्री जी के ‘‘वोकल फोर लोकल’’ मंत्र की सफलता के लिये भी राज्य के स्थानीय उत्पादों, पारम्परिक फसलों, अनाज तथा हस्तशिल्पों का संरक्षण आवश्यक है। स्थानीय उत्पादों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के बाजार उपलब कराये जाने आवश्यक है।
 श्री  सिंह ने कहा कि हमारे गांवों का विकास एवं समृद्धि ही राज्य के विकास का मापदण्ड होना चाहिये, ऐसा मेरा विास है। हमारे गांवों में मूलभूत एवं आाुनिकतम सुविाओं के साथ ही उद्यमशीलता तथा स्वरोजगार को भी प्रोत्साहन मिलना चाहिये। ग्रामों की विकास में ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिये। श्री सिंह ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य, शिक्षा, मूलभूत सेवाओं में सुार के द्वारा ही पलायन को रोका जा सकता है। राज्य में ही रोजगार तथा स्वरोजगार के अधिकाधिक अवसरों के माध्यम से रिवर्स माइग्रेशन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह ने कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिक का जो भी कर्तव्य एवं दायित्व हैं, वे पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करने का प्रयास करे।  राज्य की प्रगति का लाभ दूरस्थ गांवों में रहने वाले जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे, तब ही उत्तराखण्ड सच्चे अथरें में प्रगतिशील राज्य कहलाएगा।

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