G-KBRGW2NTQN उत्तराखंड अर्बन एजेंडा 2022 के तहत शहरी सुधार संबंधी मुद्दों को राजनीतिक दलों के घोषणापत्र में शामिल करने का आग्रह – Devbhoomi Samvad

उत्तराखंड अर्बन एजेंडा 2022 के तहत शहरी सुधार संबंधी मुद्दों को राजनीतिक दलों के घोषणापत्र में शामिल करने का आग्रह

एसडीसी फाउंडेशन और जनाग्रह ने राजनीतिक दलों को सौंपा 20 सूत्रीय अर्बन एजेंडा

देहरादून। देहरादून स्थित एसडीसी फाउंडेशन और बेंगलुरु की जनाग्रह संस्था ने उत्तराखंड के राजनीतिक दलों को एक 20 सूत्रीय एजेंडा प्रपत्र सौंपा है। राजनीतिक दलों को इन सिफारिशों को आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग की गई है।

जनाग्रह के सिविक पार्टिसिपेशन हेड श्रीनिवास अलाविल्ली का कहना है कि उत्तराखंड में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। इस तेजी से शहरों में जन गुणवत्तापूर्ण नागरिक सुविधाएं उपलब्ध करना आवश्यक है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया है कि वे इन मसलों को अपने घोषणापत्र में शामिल करके शहरी निकायों को अधिक अधिकार देकर उन्हें सशक्त बनाने का संकल्प लें। इसके साथ ही वार्ड समितियों का गठन कर नागरिकों को सशक्त बनाने की दिशा में कार्य करें।

अलाविल्ली ने कहा कि उनकी संस्था एसडीसी फाउंडेशन के साथ मिलकर विधानसभा चुनावों को लेकर ज्वलंत शहरी मामलों को उठाने के लगातार प्रयास करती रहेगी। उन्होंने कहा कि जनाग्रह ने अर्बन गवर्नेंस, नागरिक भागीदारी, नगर निकायों की वित्त व्यवस्था आदि में अब तक जो काम किये हैं, उनके आधार में स्पष्ट रूप से यह महसूस होता है कि उत्तराखंड में नागरिकों के जीवन में गुणवत्तापूर्ण सुधार के लिए शहरी निकायों में जनभागीदारी में प्रमुख रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए।

अलाविल्ली के अनुसार ये सिफारिशें विभिन्न शहरों, उनके कानूनों और आज के दौर की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक शहर प्रणालियों के व्यापक अध्ययन करने के बाद तैयार की गई हैं। उनका कहना है कि यदि राजनीतिक दल इन मुद्दों को अपने घोषणा पत्र में शामिल करते हैं और चुनाव जीतने के बाद ईमानदारी से लागू करने का प्रयास करते हैं तो यह राज्य में शहरी क्षेत्रों की मौजूदा हालत में सुधार के लिए क्रांतिकारी कदम साबित होंगे।

एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने बताया कि उनकी संस्था के हाल के दिनों में सतत शहरीकरण पर  5 फैक्टशीट तैयार की हैं। ये फैक्टशीट गार्बेज फ्री सिटी, स्वच्छ सुरक्षा चैलेंज, ईज ऑफ लिविंग, सिटी क्लाइमेट, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, पार्किंग, ट्रैफिक और शहरी कानूनों जैसे मुद्दों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि अब इन सभी मसलों को समेटते हुए एक पत्र सभी राजनीतिक दलों को सौंपा गया है और विशेषतौर पर आग्रह किया गया है कि वे इन मुद्दों को अपने घोषणा पत्र में जगह दें।

अनूप नौटियाल के अनुसार जिस तरह से उत्तराखंड में तेजी से शहरीकरण हो रहा है, उस हिसाब से जन सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। उन्होंने कहा कि जनाग्रह और एसडीसी फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से जो सुझाव तैयार किये हैं, उनमें न सिर्फ शहरी समस्याओं को उठाया गया है, बल्कि उन समस्याओं के समाधान भी सुझाये गये हैं। उन्होंने कहा कि यदि राजनीतिक दल चाहें तो वे इन मसलों को लेकर अतिरिक्त डाटा और विश्लेषण उपलब्ध करवाने के लिए भी तत्पर रहेंगे।

अनूप नौटियाल के अनुसार उनकी सिफारिशें मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं, स्वच्छता, गरीबी उन्मूलन, जलवायु परिवर्तन आदि से संबंधित हैं। इसके अलावा अर्बन गवर्नेंस को पारदर्शी बनाने, पार्षदों, अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रशिक्षण और आय के अतिरिक्त संसाधन जुटाने जैसी सिफारिशें भी की गई हैं।

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