G-KBRGW2NTQN यूकेडी प्रत्याशी पर हमले को पुलिस ने बताया झूठा – Devbhoomi Samvad

यूकेडी प्रत्याशी पर हमले को पुलिस ने बताया झूठा

प्रत्याशी ने की सीबीआई जांच की मांग
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग नगर में जवाड़ी बाईपास पर यूकेडी प्रत्याशी पर हमले की घटना में पुलिस ने मंगलवार को खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक यह घटना झूठी है और राजनीतिक लाभ लेने के लिए इसे अंजाम दिया गया। वहीं यूकेडी प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने राजनीतिक दबाव में जांच की। उन्होंने अब इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
बताते चलें कि बीते 12 फरवरी को चुनाव से ठीक पहले जवाड़ी बाईपास पर रुद्रप्रयाग विधानसभा से यूकेडी प्रत्याशी मोहित डिमरी पर कुछ अज्ञात लोगों ने हमला किया। इस मामले में पीड़ित पक्ष की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और जांच शुरू की। विवेचना पूरी होने के बाद मंगलवार को पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि जांच करने के बाद यह मामला झूठा और भ्रामक पाया गया। प्रत्याशी ने राजनीतिक लाभ के लिए घटना को अंजाम दिया। बताया कि घटना के शीघ्र बाद सीओ रुद्रप्रयाग और कोतवाली निरीक्षक ने मौके पर पहुंचकर मामले का अध्ययन करते हुए जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल चैक की गई। जो लोग वाहन में मौजूद थे, सभी से पूछताछ की गई। तमाम तथ्य जुटाने के बाद जांच में मामला झूठा पाया गया। मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाते हुए न्यायालय को पेश कर दिया जाएगा। बताया कि पुलिस को गलत सूचना देने पर आईपीसी की धारा 182 में कार्रवाई की जाएगी। इधर, पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए यूकेडी प्रत्याशी मोहित डिमरी ने कहा कि किसी पार्टी विशेष के दबाव में पुलिस ने जांच की है।
उन्होंने कहा कि इस मामले की अभी जांच और विवेचना पूरी नहीं हुई है और पुलिस ने इसे भ्रामक बता दिया। कहा कि हमें पहले से ही अंदेशा था कि सत्ता पक्ष दबाव बनाते हुए जांच को भटकाने का प्रयास करेगी। जिस तरह सत्ता पक्ष के एक जनप्रतिनिधि द्वारा एसपी को पत्र लिखकर पहले ही मामले को तथाकथित बताया गया, उससे हमें पूरा अंदेशा था कि पुलिस पर दबाव बनाते हुए जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। कहा कि इस घटना की निष्पक्ष सीबीआई जांच की जानी चाहिए। यूकेडी प्रत्याशी मोहित डिमरी ने कहा कि पुलिस ने विवेचना से पूर्व ही घटना को भ्रामक बता दिया, जबकि इस मामले में पूरी विवेचना होनी चाहिए थी। घटना के चश्मदीदों के मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 में बयान दर्ज नहीं किये गए। उन्होंने कहा कि पुलिस की विवेचना संदेह के घेरे में है। एक भाजपा नेता द्वारा पुलिस से जांच की मांग करते हुए घटना को तथाकथित बताया गया है। यही भाजपा नेता पिछले दो दिनों से पुलिस के अधिकारियों से फोन पर वार्ता कर रहा था। इसकी कॉल डिटेल भी निकाली जानी जरूरी है। इन्हीं के दबाव में पुलिस ने घटना को झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता उनकी राजनीतिक हत्या करना चाहते हैं। हमें पूरा यकीन है कि इन्हीं के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था और अब कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए घटना को झूठा बताया जा रहा है। पुलिस की जांच संदेह के घेरे में है। हम इसकी सीबीआई जांच की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस को गांव में शराब और पैसे बांटने की मौखिक सूचना दी थी, लेकिन पुलिस ने किसी को नहीं पकड़ा। भाजपा का एक कार्यकर्ता शराब के साथ पकड़ा तो गया, लेकिन उसे तुरंत छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष सरकारी मशीनरी का पूरा दुरुपयोग कर रही है। न्याय नहीं मिलता है तो इस पूरे मामले में उत्तराखंड क्रांति दल आंदोलन करेगी।

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