G-KBRGW2NTQN करोड़ों लोग अभी भी अस्वास्थ्यकर हवा में सांस लेते हैंः डब्ल्यूएचओ – Devbhoomi Samvad

करोड़ों लोग अभी भी अस्वास्थ्यकर हवा में सांस लेते हैंः डब्ल्यूएचओ

देहरादून। वर्ल्ड हेल्थ डे पर भारत की सबसे बड़ी निजी अस्पताल श्रृंखला मेडिका ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स ने ’इम्पैक्ट ऑफ पॉल्यूशन ऑन हेल्थ’ विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया। यह कार्यक्रम हर साल 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे पर मनाया जाता है। इस दिन के लिए हर बार कोई ऐसी थीम चुनी जाती है, जो डब्ल्यूएचओ की प्राथमिकता वाले किसी खास क्षेत्र को हाईलाइट करती है। वर्तमान महामारी के चलते एक प्रदूषित ग्रह और बीमारियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ डे 2022 की थीम ’अवर प्लानेट, अवर हेल्थ’ रखी गई है।
वर्ल्ड हेल्थ डे पर मेडिका ने प्रदूषण-जनित बीमारियों और स्वास्थ्य गैर-बराबरी मिटाने तथा सभी के लिए एक बेहतर ग्रह और स्वास्थ्य हासिल करने के तरीके खोजने हेतु तत्काल कदम उठाने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों के एक पैनल की मेजबानी की। पैनल में डॉ. दिलीप कुमार (सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट) ने ’एयर पॉल्यूशन कॉजिंग हार्ट ब्लॉकेज, लीडिंग टू डेथ’ के बारे में चर्चा की, डॉ. अविरल रॉय (इंटरनल मेडिसिन एंड क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट) ने ‘मेजर प्रॉब्लम्स सीन इन ओल्ड एंड यंग पीपल ड्यू टू पॉल्यूशन’ पर प्रकाश डाला, डॉ नंदिनी विश्वास (रेस्पिरेटरी मेडिसिन स्पेशलिस्ट) ने ’एफेक्ट्स ऑफ पॉल्यूशन इन लंग्स’ पर नजर दौड़ाई और डॉ. हर्ष धर (ऑन्कोलॉजिस्ट, हेड एंड नेक सर्जन) ने ’कैंसर कॉज्ड ड्यू टू वैरियस पॉल्यूशंस एंड एंवायरन्मेंटल हज़ार्ड्स’ के बारे में अपना अनुभव साझा किया। पूरी ईवेंट का संचालन श्री अयनाभ देबगुप्ता (सह-संस्थापक और संयुक्त प्रबंध निदेशक) ने किया।
घंटे भर चली इस पैनल चर्चा और संवादात्मक सत्र ने दर्शकों को प्रदूषण से होने वाली बीमारियों को परिभाषित करने से लेकर इनको ठीक करने की प्रबंधन तकनीकों तक के निदान-केंद्रित विषयों की सैर कराई।
इस साल की थीम पर ध्यान केंद्रित करते हुए मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दिलीप कुमार ने उल्लेख किया, “प्रदूषण मृत्यु का एक ऐसा कारण है, जिसे नजरअंदाज किया जाता है और वायु प्रदूषण तो दुनिया भर में होने वाली मौतों का चौथा सबसे बड़ा कारण बना हुआ है। हृदयवाहनियों से जुड़े पहलुओं के संदर्भ में प्रदूषण बढ़े हुए एथेरोस्क्लेरोसिस का कारण बन सकता है। एथेरोस्क्लेरोसिस रक्त वाहिनियों के सख्त होने या वाहिनियों में रुकावट पैदा होने जैसा ही है। एथेरोस्क्लेरोसिस कोरोनरी धमनियों के कारण परिधीय धमनियां अवरुद्ध हो जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ता है।

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