देहरादून। हरिद्वार के पूर्व डीएफओ किशनचंद के पास आय से 375 गुना सम्पति होने की बात विजिलेंस की जांच मे सामने आई है। आरोपित के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर ली गई है। न्यायालय में दाखिल करने से पहले अनुमति के लिए विजिलेंस ने फाईल को केंद्र सरकार को भेजा है। जबकि राज्य सरकार ने मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है।
विजिलेंस ने वर्ष 2019 में आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में आरोपित के खिलाफ जांच शुरू की थी। कई बार बयान दर्ज करने के बाद अब विजिलेंस ने जांच पूरी कर ली है। अपनी जांच में विजिलेंस ने आरोपित की करीब 33 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया है। इसमें से केवल सात करोड़ रुपये की संपत्ति आरोपित के नाम पर है। जबकि बाकी उसके परिजनों के नाम पर बताई जा रही है। जांच पूरी होने की बात बताते हुए
विजिलेंस के डायरेक्टर अमित सिन्हा ने बताया कि आरोपित के खिलाफ जांच पूरी कर ली गई है। राज्य सरकार ने अभियोग चलाने की मंजूरी दे दी है। आईएफएस अफसर होने के कारण आरोपित के खिलाफ मुकदमा के लिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक है। जिसके लिए फाइल केंद्र सरकार को भेजी गई है। केंद्र की अनुमति के बाद चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
उन्होंने बताया कि संपत्ति खरीदने के लिए लोन भी आरोपित ने अब तक नही लौटाया है। हालाँकि आरोपित ने अपने बेटे के नाम पर अभिषेक स्टोन क्रेशर और पिरान कलियर में पत्नी के नाम से बृज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल बनाया है। पत्नी के नाम से एक ट्रस्ट भी है। बनाया गया है। अपने नाम अपने डीएफओ रहते आरोपित ने इस ट्रस्ट मे कई लोगो से बडी रकम जमा करवाई। साथ ही लोगो को नौकरी दिलाने के नाम पर भी उनकी जमीन अपने नाम कराई। यह काम आरोपित ने अपने डीएफओ रहते किया। आरोपित का देहरादून के बसंत विहार में करीब ढाई करोड रूपये का एक मकान भी है ।