घनसाली बालगंगा रेंज में विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण एवं गोष्ठी का आयोजन
रिपोर्ट सत्यप्रकाश डौंडियाल
घनसाली। बालगंगा रेंज के वन क्षेत्रअधिकारी, (रेंजर ) प्रदीप सिंह चौहान के द्वारा वनों की रक्षा के लिए समस्त वन अधिकारीयों और कर्मचारियों अपने संदेश में कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस पर हम सभी वनों के संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए और जंगलों को आग से बचाने में अपना विशेष सहयोग व योगदान के साथ कार्य करें समय-समय पर लगाए जाने वाले पेड़ों की सुरक्षा का जिम्मा भी हम सब लोगों का दायित्व और कर्तव्य है । तभी यह धरती मां हरी भरी रहेगी ।
हमें प्राणवायु आक्सीजन प्रदान करेगी। कहा कि ग्राम समुदाय से वनों के विकास और सुरक्षा के लिए सामुदायिक सहभागिता की अत्यंत जरूरत है ।जिसे हम सभी कर्मचारी और अधिकारी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर जंगलों की सुरक्षा के लिए एक अच्छा कार्य कर सकतेहै । वन हमारे जीवन की मूलभूत आधार हैं ।हम सब का कर्तव्य है की प्राणवायु देने वाले जंगलों को बचाने की हम सब एकजुटता ग्रामीण समुदाय के साथ मिलकर के पहल करें और वनों के संरक्षण के लिए समुदाय की भागीदारी भी सुनिश्चित करनी जरूरी है।
इसी क्रम में बोलते हुए कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि दिनेश भजनियाल ने कहा वनों के विकास के लिए सर्वप्रथम जरूरी है वनविभाग गांव के साथ मिलकर हर सरकारी योजना के साथएक स्पष्ट रणनीति बनाए। पर्यावरण की सुरक्षा ही हमारे जीवन की सुरक्षा है आज जीवन संकटमें है ।आपको बता दें कि कविड 19 महामारी के दौरान मैदानी क्षेत्रों में ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता हुई, परंतु पहाड़ों में बिना ऑक्सीजन के ही काम चला और लोग जीवित रहे ।आज पर्यावरण दिवस में हमें अपने पर्यावरण और भविष्य की चिंता को कम करने के लिए सभी अधिकारी और कर्मचारियों को जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्य को निभाने की जरूरत है फायर सिजन से पूर्व ग्राम जागरूकता की आवश्यकता है ।साथ ही समुदाय ,अधिकारी और कर्मचारी में तालमेल की जरूरत है। तथा समुदाय के साथ एक अच्छी पहल से वनों के विकास की योजनाएं बनाई जानी चाहिए वन और प्राइमरी शिक्षा का आधुनिकरण नितांत जरूरत मैंने अपने जीवन काल से यह सीख ली है कि शादी विवाह के दौरान कटने वाले पेड़ों को रोक लगाने में मैने लोगों को प्रेरणा दी है और कहा कि आप साबूत पेड़ ना कटे बल्कि शादी विवाह में पेड़ों की टहनियों से ही काम चलाएं क्योंकि हमें पूजन मात्र के लिए पेड़ काटना बहुत शर्मनाक है। । कहा कि इंसान को अपनी सोच में बदलाव की जरूरत है उदाहरण देते हुए कहा इस फायर सीजन में हमारे गांव में किसी भी तरह की आग नहीं लगी।जो एक बहुत बडी शिख है। क्योंकि हमने ग्रामीणों से आग्रह किया कृपया जंगलों में आग न लगाए और किसी प्रकार की कोई आगजनी ना होने दे जब जंगल और जीव सुरक्षित रहेगे तो तभी इन्सान भी जिंदा रहेगा ग्राम वासियों के साथ फॉरेस्ट गार्ड बन कर्मी समय-समय पर बैठक करें और जंगल जो हमारे जीवन तथा उनकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है यदि ये जीवित रहेंगे तो भूकंप ,बाढ़, बादल फटना, लैंडस्लाइड ,प्राकृतिक घटनाएं और आपदाएं नहीं होंगी। हमारा पर्यावरण संतुलित रहेगा
इसी क्रम में सामाजसेवी सत्यप्रकाश डौंडियाल पर्यावरण दिवस पर उपस्थित लोगो ओर क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमें पारंपरिक और नवीन तकनीकी के साथ वनों के विकास की एक नवीन सुलभ योजना तैयार करके धार गदेरों में चाहल -खाल का निर्माण करने की जरूरत है और वनों में जंगली जानवरों को बचाने के लिए फलदार वृक्षों का भी वृक्षारोपण करना अनिवार्य है। उन्होंने टेहरी गढ़वाल के पर्यावरणविद और क्रांतिकारियों को याद करते हुए कहा कि भिलंगना और टिहरी गढ़वाल इतिहास रहा कि यहां पर कई पर्यावरणविद क्रांति करियों जन्म लिया है जिन्होंने क्षेत्र में विभिन्न आंदोलनों को जन्म दिया पर्यारणविद् सुंदरलाल बहुगुणा ,बिहारीलाल भाई बैशाखी लाल और श्री सावन दास शेरी लाल भाई , धर्में नंद नौटियाल स्वर्गीय त्रेयपन सिंह चोंहान आदि कई लोगों को याद किया गया जिन्होंने की पर्यावरण और सामाजिक चेतना के लिए किया ओ आज उसी का परिणाम है ग्रामीण क्षेत्रों में जंगल बचे हैं इन सामाजिक कार्यकर्ताओं के अनोखी पहल की देन है। विश्व पर्यावरण दिवस पर सभी उपस्थित जनों को अधिकारियों ,जनप्रतिनिधियों , को शुभकामनाएं प्रेषित की है । इस दौरान विजय राम जोशी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर अपनी स्वरचित कविता प्रस्तुत की।
(कख हरची हमारी हिंशर किंगोड)।
दौरान वन क्षेत्र अधिकारी प्रदीप सिंह चौहान, रमेश प्रसाद डंगवाल डिप्टी रेंजर ,विजय राम जोशी दरोगा ,हरी प्रसाद नौटियाल उप वन क्षेत्र अधिकारी ,विशिष्ट अतिथि दिनेश भजनियाल प्रधान संगठन अध्यक्ष विकासखंड भिलंगना, मोहित सिंह सामाजिक कार्यकर्ता ,वन विभाग के अधिकारी ,फॉरेस्ट गार्ड वन कर्मीआदि मौजूद रहे ।