शिक्षा में सतत विकास लक्ष्यों पर दून में हुई राज्य स्तरीय कार्यशाला
देहरादून।
यू.एन.डी.पी., सी.पी.पी.जी.जी. एवं उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से सतत विकास लक्ष्यों पर राज्य स्तरीय विमर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ संयुक्त निदेशक डाॅ. एस.बी. जोशी द्वारा प्रतिभागियों के स्वागत किया गया। उनके द्वारा सतत विकास लक्ष्यों की उत्पत्ति, लक्ष्यों का आपस में सम्बन्ध तथा गुणवत्ता शिक्षा से सम्बन्धित चौथे लक्ष्य के सम्बन्ध में भी अवगत कराया गया।
सी.पी.पी.जी.जी. के अपर कार्यकारी अधिकारी, डाॅ. मनोज कुमार पन्त द्वारा उत्तराखण्ड में सतत विकास लक्ष्यों की अद्यतन प्रगति तथा चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया।
महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, बंशीधर तिवारी द्वारा सतत विकास लक्ष्योें की प्राप्ति हेतु मिशन मोड में कार्य करने के लिए आह्वान किया गया।
श्री तिवारी ने बताया कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में पंचायतों तथा विद्यालयी शिक्षा का बड़ा दायित्व है। सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति व्यवहार में वांछित परिवर्तन ला कर ही की जा सकती है, इसलिये इन लक्ष्यों को जन आंदोलन का रूप देना होगा तथा आम जन को इन लक्ष्यों के प्रति जागरूक करना होगा। साथ ही नैतिक शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा विभाग शीघ्र ही नैतिक शिक्षा की पाठ्य पुस्तकें तैयार करेगा, जिनमें सतत विकास लक्ष्य सम्बन्धी पाठ समाहित किये जायेंगे।
सतत विकास लक्ष्य विशेषज्ञ करुणाकर, यू.एन.डी.पी. के नीति प्रमुख, जैमौन उथुप तथा राज्य प्रमुख, डाॅ. प्रदीप मैहता के द्वारा सतत विकास लक्ष्यों के महत्व तथा क्रियान्वयन पर प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तारपूर्वक व्याख्यान दिया गया।
इस अवसर पर श्रीमती बन्दना गर्बयाल, निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा, डाॅ. मुकुल कुमार सती, अपर राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा तथा डाॅ. अंकित जोशी, प्रवक्ता, एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा सत्त विकास लक्ष्यों पर विद्यालयी शिक्षा की प्रगति के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी गयी तथा कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों द्वारा सत्त विकास लक्ष्यों के सम्बन्ध में विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में रूम टू रीड, आई.टी.डी.ई.एस. मासी, अल्मोड़ा के साथ-साथ विद्यालयी शिक्षा के छात्रों तथा शिक्षा विभाग के विभिन्न हितधारकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।