सूर्य प्रताप सिंह और गौरव कुमार चौहान आखिरकार हुए सस्पेंड
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में गिरफ्तार सचिवालय के दो अपर निजी सचिवों को आखिरकार निलंबित कर दिया गया। मंगलवार को अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन राधा रतूड़ी ने उनके निलंबन के आदेश जारी कर दिए। दोनों अभी परिवीक्षा काल में थे। उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली के मुताबिक 48 घंटे से ज्यादा समय के लिए हिरासत में रहने पर निलंबन होना चाहिए था। आदेश में इन दोनो को 12 अगस्त से निलंबित माना गया है। निलंबन के आदेश न्याय विभाग के परामर्श के बाद ही जारी हो सके हैं। बहरहाल, सचिवालय में कार्यरत अपर निजी सचिव सूर्य प्रताप सिंह पुत्र संजय सिंह राणा, निवासी ग्राम निवाड़ मंडी और गौरव कुमार चौहान पुत्र सुरेन्द्र सिंह को निलंबित कर दिया गया है। दोनों ऊधमसिंह नगर के जसपुर के निवासी है।
निलम्बन की अवधि में दोनो को जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि आधे वेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर मंहगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है, भी अनुमन्य होगा किंतु ऐसे कार्मिक को जीवन निर्वाह के साथ कोई महंगाई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महगाई भत्ता अथवा महंगाई भत्ते का उपांतिक समायोजन प्राप्त नहीं था निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलंबन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य हैं। भुगतान तभी किया जायेगा जबकि वे इस आशय का प्रमाण-पत्र पेश करेंगे कि वे किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार, वृत्ति व्यवसाय में नहीं लगे हैं।