24 साल पहले घर से भागा युवक अब नौकरी चले जाने के बाद घर आ आ पहुंचा
यह व्यक्ति बागेश्वर का था जो रोजगार के लिए 24 साल पहले घर से भागा युवक अब नौकरी चले जाने के बाद घर आ गया है। इतने साल वह विभिन्न शहरों में मौज मस्ती करता रहा। उसे घर की याद तक नहीं आई।कोरोना संक्रमण बढ़ा तो उसे अकेले रहने का डर सताने लगा। उसने किसी तरह पास बना लिया और अन्य प्रवासियों की तरह ही अपने गांव पहुंच गया। गांव में आकर उसे किसी ने नहीं पहचाना।उसने ग्रामीणों के साथ कुछ पुरानी बातें साझा की तो उन्हें उस पर भरोसा होने लगा। इस बात की भनक जब उसकी मां को लगी तो वह भी पहुंच गई। उसने बेटे को देखते ही पहचान लिया।मां और परिवार का स्नेह मिलने के बाद प्रकाश ने भी आगे का जीवन गांव में बिताने का निर्णय लिया है। वह कुशल श्रमिक है। फिलहाल वह उसी प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन है जहां उसने अ आ, क ख और ग सीखी। प्रकाश का जन्म कपकोट तहसील के दूरस्थ गांव रमाड़ी में हुआ था। तीन भाइयों में दूसरे नंबर के प्रकाश ने प्राइमरी की शिक्षा राजकीय प्राथमिक विद्यालय रमाड़ी से प्राप्त की।1995 में उसने इंटर कॉलेज शामा से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। उसके एक साल बाद वह नौकरी की तलाश में बिना किसी को बताए घर से भागकर महानगर की ओर चला गया। यह व्यक्ति बागेश्वर का थ