G-KBRGW2NTQN थम नहीं रहा मेडिकल छात्र-छात्राओं का आक्रोश, मारपीट का आरोप – Devbhoomi Samvad

थम नहीं रहा मेडिकल छात्र-छात्राओं का आक्रोश, मारपीट का आरोप

शुल्क बढ़ोत्तरी के मामले को लेकर गत दिवस से धरने पर बैठे हुए हैं एसजीआरआर मेडिकल कालेज के छात्र
देहरादून। शुल्क बढ़ोत्तरी के मामले को लेकर एसजीआरआर मेडिकल कालेज के एमबीबीएस वर्ष 2018 बैच के छात्रों का आक्रोश थम नहीं रहा है। मेडिकल छात्र-छात्राएं गत दिवस से कालेज के मुख्य प्रवेश द्वार पर धरने पर डटे हुए हैं। इस बीच मंगलवार को धरना स्थल पर अचानक माहौल तब बिगड़ गया, जबकि आंदोलित मेडिकल छात्र-छात्राओं ने कुछ अज्ञात लोगों पर मारपीट का आरोप लगाया। उनका कहना था कि वह कालेज गेट पर शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन इस बीच कुछ लोग धरना स्थल पर पहुंचे और मेडिकल के छात्र-छात्राओं के साथ अभद्रता कर मारपीट की।
मेडिकल छात्र-छात्राओं का आरोप है कि जिन लोगों ने उनके साथ मारपीट की है वह झंडा मेले में आए संगतों से जुड़े हुए हैं। उनके पास हथियार भी थे। आरोप लगाया कि छात्राओं के साथ भी अभद्रता की गई। सूचना मिलने पर सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान व पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और मेडिकल छात्र-छात्राओं से वार्ता की। आंदोलित मेडिकल छात्र-छात्राओं ने बुधवार से हड़ताल की चेतावनी दी है। दूसरे बैच के छात्र-छात्राओं का समर्थन भी उन्हें मिल रहा है।
डीएवी कालेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पंकज क्षेत्री भी अपने साथियों के साथ मेडिकल छात्रों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए धरना स्थल पहुंचे। मेडिकल छात्र देर रात तक धरना स्थल पर डटे रहे। उनका कहना है कि कोर्स समाप्ति की ओर है, इसके बाद इंटर्नशिप बचती है। पर कालेज प्रशासन ने एकाएक फीस बढ़ा दी है। उन्हें पांच साल का अतिरिक्त शुल्क जमा करने को कहा जा रहा है। ऑल इंडिया कोटे के लिए यह राशि तकरीबन 37 लाख रुपये और स्टेट कोटा के छात्रों के लिए 26 लाख रुपये तक है। किसी भी मध्यम वर्गीय परिवार के लिए इतनी बड़ी रकम दे पाना मुमकिन नहीं है।
मेडिकल छात्रों ने आरोप लगाया कि बढ़ा हुआ शुल्क न दे पाने की स्थिति में कालेज प्रशासन उन्हें इंटर्नशिप न करने की धमकी दे रहा है। उन्हें हास्टल में भी जाने से रोका जा रहा है। मेडिकल कालेज के प्राचार्य व अन्य अधिकारियों के सामने भी उन्होंने अपनी समस्या रखी पर कोई उनकी बात सुन नहीं रहा है।
इधर, कालेज प्रशासन का कहना है कि वर्ष 2017-18 में काउंसिलिंग के दौरान एमबीबीएस की फीस निर्धारित नहीं थी।  ऐसे में छात्र-छात्राओं से अनंतिम व्यवस्था के तहत शुल्क लिया गया। उन्होंने तब शपथ पत्र दिया था कि प्रवेश व शुल्क  नियामक समिति जो भी फीस निर्धारित करेगी छात्र-छात्राएं उसका भुगतान करेंगे। कालेज प्रशासन का कहना है कि यदि कोई छात्र गरीब परिवार से है तो उन्हें नियमानुसार रियायत दी जा सकती है। कोई छात्र निर्धारित फीस का भुगतान किश्तों में करना चाहता है तो उसके लिए भी व्यवस्था बनाई जा रही है। कालेज प्रशासन का कहना है कि ये सभी हमारे अपने विद्यार्थी हैं और मेडिकल कालेज उनकी पूरी मदद करने को तैयार है।

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