देहरादून। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में स्वास्थ्य से संबंधित लगभग 182 करोड़ रूपये की चार परियोजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.मनसुख मांडविया जोशीमठ से वचरुअल माध्यम से जुड़े। इस मौके पर डॉ. मांडविया ने कहा कि यदि राज्य सरकार केन्द्र द्वारा दिये गये लक्ष्य को प्राप्त करती है तो राज्य को धन की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि नीति एवं मलारी गांव में भ्रमण के दौरान उन्हें मलारी गांव के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर ने कहा कि यहां बड़े अस्पताल नहीं है, फिर भी यहां बड़े डॉक्टर की सुविधा मिलती है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गांव में काम करने वाले किसान एवं गरीब लोग जब ईलाज के लिए हेल्थ और वेलनेस सेंटर में जाते हैं, स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सलाह उनको मिल जाती है, तो उन्हें जिला अस्पताल या अन्य अस्पतालों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यह व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करने के लिए उन्होंने राज्य सरकार का आभार जताया। 2014 से अब तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश में तेजी से सुधार हुआ है। उत्तराखंड में होलिस्टिक हेल्थ कवरेज के लिए राज्य को एम्स के साथ ही एम्स का सेटेलाइट सेंटर भी दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में जितने भी टीबी के मरीज हैं, उनको किसी न किसी ने गोद लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे धामी सरकार पर भरोसा है कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बनेगा जो सबसे पहले टीबी मुक्त होगा।
इन परियोजनाओं का हुआ शिलान्यास
-124.10 करोड़ की लागत से दून मेडिकल कॉलेज में 500 शैय्या के नया ब्लॉक
-रूद्रप्रयाग में 20.38 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक श्रीनगर मेडिकल-कॉलेज में 18.80 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक
हल्द्वानी में 19.48 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक
हेल्थ सेक्टर में चार मोचोर्ं पर काम की रणनीति : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश में चार मोचोर्ं पर काम करने के लिए सरकार रणनीति बना रही है। पहला मोर्चा, बीमारियों को रोकने के लिए जन-जागरुकता। दूसरा मोर्चा गरीबों को सस्ता और प्रभावी इलाज देना। तीसरा मोर्चा है, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की मात्रा व गुणवत्ता में सुधार और चौथा मोर्चा समस्याओं से पार पाने के लिए मिशन मोड पर काम करना। केंद्र सरकार की बच्चों के संपूर्ण वेक्सिनेशन की मिशन इंद्रधनुष योजना, आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र जैसी योजनाओं का विस्तार प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों तक करने का प्रयास किया गया है।