G-KBRGW2NTQN मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा, दून में अब ‘दिल’ का इलाज भी – Devbhoomi Samvad

मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा, दून में अब ‘दिल’ का इलाज भी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया ने किया नवनिर्मित कैथ लैब का लोकार्पण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल आदि भी रहे मौजूद
देहरादून। दिल (हृदय) की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। ऐसे मरीजों को अब दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय यानी दून अस्पताल में ही इलाज की सुविधा मिल जाएगी। क्योंकि अस्पताल की हार्ट यूनिट में हृदय रोग विशेषज्ञ के बाद अब कैथ लैब भी स्थापित हो चुकी है।

बृहस्पतिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने यहां पर नवनिर्मित कैथ लैब का लोकार्पण किया। इसके अलावा दून अस्पताल में आईसीयू, मेमोग्राफी यूनिट व डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन का उद्घाटन भी किया गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, राज्य के चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजानदास, विधायक बृजभूषण गैरोल, विधायक सविता कपूर, महापौर सुनील उनियाल गामा आदि भी इस दौरान मौजूद रहे।

दून अस्पताल में स्थापित कैथ लैब राज्य में किसी सरकारी अस्पताल की पहली लैब है। अभी तक सिर्फ जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन अस्पताल) में कैथ लैब स्थापित थी, जो कि पीपीपी मोड पर संचालित हो रही है। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मांडविया ने कहा कि दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में कैथ लैब स्थापित होने से हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को किफायती दर पर इलाज की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए केंद्र सरकार द्वारा हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।

आयुष्मान योजना के अंतर्गत लाभार्थी मरीजों को सालाना पांच लाख रुपए तक के निशुल्क इलाज की सुविधा मिल रही है। केंद्र द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे कायरे पर भी उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला। राज्य सरकार द्वारा हेल्थ सेक्टर में किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी उन्होंने की। कहा कि उत्तराखंड की देवभूमि के साथ ही पर्यटक राज्य भी है। हर साल देश-विदेश के हजारों यात्री व पर्यटक यहां आते हैं। ऐसे में दुनियाभर के लोग यहां पर इलाज के लिए भी आए इसका ढांचा विकसित किया जाना चाहिए, ताकि मेडिकल टूरिज्म की संभावनाएं यहां पर बढ़े।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह प्रदेश की पहली सरकारी कैथ लैब है, जिसका लाभ जरूरतमंद मरीजों को मिलेगा। कहा कि इससे पहले दिल की बीमारी से पीड़ित मरीजो को इलाज के लिए मेट्रो शहरों व बड़े अस्पतालों की ओर जाना पड़ता था। बीमारी को बड़ी बताकर मरीजों व उनके तीमारदारों को परेशान किया जाता था। पर अब ऐसा नहीं होगा। मरीजों को दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में ही हृदय रोग के इलाज की पर्याप्त सुविधा मिलेगी।

सीएम ने कहा कि हमारी संस्कृति कहती है कि स्वस्थ्य शरीर ही प्रथम ध्येय है। इसलिए स्वास्थ्य सेक्टर में बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। आयुष्मान योजना के अंतर्गत निशुल्क इलाज, जन औषधि केंद्रों से सस्ती दरों पर दवाईयां आदि का लाभ मरीजों को मिल रहा है। कहा कि परिवार को कोई सदस्य जब बीमार पड़ जाता है तो पूरे परिवार को परेशानी झेलनी पड़ती है। साधन संपन्न व्यक्ति भी कहीं न कहीं इस परेशानी से दो-चार होता है। ऐसे में संसाधनहीन व्यक्ति की स्थिति समझी जा सकती है। इलाज के लिए लोगों को घर, ज्वैलरी और जमीन तक बेचनी पड़ती है।

आर्थिक रूप से कमजोर ऐसे लोगों को आयुष्मान ने संबल दिया है। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। चारधाम यात्रा के लिए पांच सौ करोड़ की लागत से सात क्रिटिकल केयर यूनिट स्थापित किए गए। तीन नए मेडिकल कालेज खोले गए। हरिद्वार में आगामी शैक्षणिक सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। चार नए नर्सिग कालेज खोले गए।

श्रीनगर मेडिकल कालेज में भी कैथ लैब की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। इससे पहले दून मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने कार्यक्रम में शिरकत कर रहे अतिथियों का स्वागत किया। वरिष्ठ चिकित्सक डा. एनएस बिष्ट ने कार्यक्रम का संचालन किया। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार, स्वास्थ्य महानिदेशक डा. विनीता शाह, डा. सुनीता टम्टा, डा. युसुफ रिजवी, डा. धनंजय डोभाल, सीपीआरओ महेन्द्र भंडारी, दिनेश रावत आदि इस अवसर पर उपस्थित रहे।

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