नए साल से दिन में दो ही बार मिल सकेंगे मरीज से
दून अस्पताल में मरीज से मिलने का समय निर्धारित, विजिटर पास जरूरी
देहरादून। नए साल पर दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय (दून अस्पताल) में व्यवस्थागत स्तर पर कुछ बदलाव नजर आएंगे। इसके बाद न सिर्फ मरीजों से मिलने का समय निर्धारित होगा, बल्कि बिना विजिटर पास कोई भी व्यक्ति वार्ड में नहीं जा पाएगा। अब बेड पर हर दिन अलग-अलग रंग की चादर बिछाई जाएगी। यही नहीं, मरीजों को मिलने वाले खाने का मेन्यू भी प्रत्येक वार्ड में चस्पा कर दिया गया है।
दून अस्पताल में मरीज से मिलने का समय निर्धारित कर दिया गया है। बाहरी आगंतुक दोपहर 12 से दो बजे और शाम साढ़े पांच से साढ़े सात बजे तक ही मरीज से मिल पाएंगे। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. अनुराग अग्रवाल का कहना है कि अभी तक वार्ड में दिनभर मिलने वालों का जमावड़ा रहता है। जिस कारण न सिर्फ डाक्टर व स्टाफ बल्कि अन्य मरीजों को भी दिक्कत होती है। इससे संक्रमण का भी खतरा रहता है।
अब मरीज के भर्ती होने पर उसकी फाइल के साथ एक अटेंडेंट व एक विजिटर पास जारी किया जाएगा। बिना पास किसी भी व्यक्ति को वार्ड में जाने की अनुमति नहीं होगी। विजिटर पास पर भी व्यक्ति निर्धारित समय में ही मरीज से मिल पाएगा। एक समय पर एक ही आगंतुक (विजिटर) वार्ड में जा सकता है। वह बाहर आकर दूसरे विजिटर को पास देगा, तब वह भीतर जाएगा। पास खोने की संपूर्ण जिम्मेदारी मरीज/तीमारदार की होगी। नए पास के लिए 50 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। इमरजेंसी से वार्ड में मरीज का हस्तांतरण होने पर संबंधित वार्ड में कार्यरत स्टाफ नर्स उक्त पास में वार्ड संख्या व बेड संख्या अंकित करेगी।
एक जनवरी से अस्पताल में हर दिन अलग-अलग रंग की चादर बिछाई जाएगी। चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि सोमवार को सफेद, मंगलवार को गुलाबी, बुधवार को हरी, बृहस्पतिवार को पीली, शुक्रवार को बैंगनी, शनिवार को नीला और रविवार को हल्के भूरे रंग की चादर बिछाई जाएंगी।
सोमवार को इस संबंध में नर्सिंग अधिकारियों के साथ बैठक की गई। सभी वाडरें से डिमांड ले ली गई है। इसके अलावा अस्पताल के प्रत्येक वार्ड में खाने का मेन्यू भी चस्पा कर दिया गया है।
सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को सुबह का नाश्ता व दो वक्त का खाना निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। जिसका हर दिन का मेन्यू तय है। इस मेन्यू की जानकारी मरीज व तीमारदार को भी रहे, इसके लिए सभी वार्ड में मेन्यू चस्पा कर दिया गया है। साथ ही खाने की गुणवत्ता जांचने के लिए चिकित्सकों का रोस्टर तय किया गया है।
हर दिन अलग-अलग चिकित्सक मरीजों का परोसे जाने वाला खाना चख रहे हैं। चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि मेन्यू में एक हेल्पलाइन नंबर भी अंकित किया जा रहा है। ताकि किसी भी मरीज या तीमारदार को खाने से कोई शिकायत है तो इस नंबर पर काल कर सकता है।