मुख्य सचिव ने किया केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कायरें का निरीक्षण
कार्यदायी संस्थाओं को समय पर दिये कार्य पूर्ण करने के निर्देश
रुद्रप्रयाग। मुख्य सचिव ओमप्रकाश, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर व जिलाधिकारी वंदना सिंह ने केदारनाथ धाम में निर्माणाधीन पुनर्निर्माण कार्य शंकराचार्य समाधि, दिव्यशिला से समाधि तक पैसेज मार्ग, एमआई 26 हेलीपैड, सरस्वती व मन्दाकिनी घाट आदि का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने कार्यदायी संस्थाओं को कार्य मे प्रगति लाने व गुणवत्ता परक कार्य कराने के निर्देश दिए। कहा कि हर हाल में तय समय सीमा के भीतर पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण किया जाय।
शंकराचार्य समाधि में चारदीवारी व मंडल वाल का निर्माण किया जाना है। चारदीवारी 12 मीटर व मंडल वाल 3 मीटर की बनाई जानी है। दिव्यशिला से समाधि तक 483.6 मीटर का पैसेज बनाया जाना है, जिस पर राफ्ट का कार्य पूर्ण हो चुका है व कंक्रीट का कार्य प्रगति पर है। इस संबंध में मुख्य सचिव ने जिंदल सोशल वर्क के प्रबंधक विकास राणा को 31 दिसम्बर तक शंकराचार्य समाधि व पैसेज को हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए। सरस्वती नदी पर 5045 मीटर का आस्था पथ का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है व घाट के लिए स्टेप भी बन चुके हैं। घाट को जाने वाले स्टेप पर सौंदर्यीकरण के लिये लाइटनिंग का कार्य किया जाना है। घाट के आस पास 5 व्यू पॉइंट बनाये जाने हैं, जिसमे से 3 व्यू पॉइंट पर कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इस सम्बंध में मुख्य सचिव ने जेएसडब्ब्ल्यू को सितम्बर माह अंत तक शेष 2 व्यू पॉइंट का निर्माण करने व अक्टूबर तक घाट सौंदर्यीकरण का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। एम आई 26 हेलिपैड पर क्षतिग्रस्त गढ़वाल मंडल विकास निगम के 3 कॉटेज को 10 दिन के भीतर हटाने के निर्देश मुख्य सचिव ने लोनिवि के अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार को दिए। एमआई 26 हेलीकाप्टर वर्तमान में 5040 आकार का है जिसका विस्तारीकरण चिनूक हेलीकाप्टर के लिये 50100 का किया जाना है। डीडीएमए द्वारा गरुड़चट्टी के लिए पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसमें से केदारपुरी की तरफ के अबटमेंट का कार्य पूर्ण हो चुका है व एक एक सप्ताह के भीतर दूसरी ओर के अबटमेंट का कार्य पूर्ण हो जाएगा। सीएस ने अधिशासी अभियंता डीडीएमए प्रवीण कर्णवाल को 31 दिसम्बर तक पुल निर्माण कार्य हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए। जिंदल ग्रुप द्वारा तीर्थ पुरोहितों के 5 भवन निर्माण किये जाने थे, जिसमें से 2 भवनों को पूर्ण कर जिला प्रशासन को सौंप दिए गए हैं। अवशेष तीन भवनों को क्रमश: 15 सितम्बर, 30 सितम्बर व 15 अक्टूबर तक पूर्ण कर जिला प्रशासन को सौंपने के निर्देश मुख्य सचिव में दिए। साथ ही ध्यान गुफा के लंबित कार्यों को भी तय समय के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए।