पौड़ी के घंडियाल क्षेत्र में निरीक्षण करने पहुंचे सीएम त्रिवेंद्र ने की धान की कटाई
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को पौड़ी गढ़वाल में कल्जीखाल ब्लाॅक के घंडियाल में टी. एन. वी. एस. ई ग्रुप द्वारा उत्पादित पहाड़ी उत्पादों के प्लांटेशन एवं पायलेट प्रोजेक्ट के निरीक्षण के दौरान धान की कटाई भी की। उन्होंने निरीक्षण के दौरान स्वयं अपने हाथ में दरांती लेकर खेत में धान की कटाई कर इससे जुड़ी कई बारीकियां वहां पर मौजूद अधिकारियों व अन्य लोगों को बताईं। उन्होंने अधिकारियों व अन्य लोगों को अपने काश्तकारी पहलुओं से लोगों को रू-ब-रू कराया। स्वयं धान की कटाई कर व इससे जुड़ी बारीकियां अधिकारियों को बताकर सीएम त्रिवेंद्र लोगों के दिल में छा गए। सीएम की काश्तकारी महारथ को देखकर अधिकारी भी उनसे काफी प्रभावित हुए।
मुख्यमंत्री ने टी. एन. वी. एस. ई ग्रुप द्वारा उत्पादित पहाड़ी उत्पादों के प्लांटेशन एवं पायलेट प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने किनवा की बुआई एवं स्वावलंबन स्वयं सहायता के उत्पादों का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने अपने संबोधन में कहा कि सम्पूर्ण विश्व कोविड महामारी के दौर से गुजर रहा है। इस महामारी से बचाव के लिए हमें बहुत सतर्कता बरतने की जरूरत है। कोविड से बचाव के लिए जो भी गाईडलाइन जारी हो रही है, उसका सबको पूरा पालन करना होगा। इस बीमारी से बचाव के लिए फिजिकल डिस्टेन्स एवं मास्क का प्रयोग बहुत जरूरी है। आज हमारे समकक्ष आपदा को अवसर में बदलने की भी बड़ी चुनौती है। आज उत्तराखंड में अनेक नौजवान कठिन परिस्थितियों के कारण घर की ओर वापस लौटे हैं। उत्तराखंड के युवाओं को स्वरोजगार के लिए पर्याप्त अवसर मिले, इसके लिए राज्य में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इस योजना में लगभग सभी प्रकार के कार्यों को शामिल किया गया है। पौड़ी में युवाओं द्वारा सामूहिक प्रयासों से सराहनीय कार्य किया जा रहा है। अन्य लोगों को भी इससे प्रेरणा लेकर कार्य करने होंगे। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। देवभूमि उत्तराखंड में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं भी हैं। उत्तराखंड विभिन्न प्रकार की जैव विविधता वाला राज्य है। हिमालय की जड़ी बूटियों के उत्पादों से हम हिमालयी ब्रांडो की मार्केटिंग कर सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में ग्रोथ सेंटर की शुरुआत की है, प्रदेश में 100 से अधिक ग्रोथ सेंटर प्रारंभ हो चुके हैं। सभी न्याय पंचायतों में एक-एक ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। सभी ग्रोथ सेंटरों का कॉन्सेप्ट अलग होगा। उन्होंने कहा कि हमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी पैकेजिंग एवं ब्रांडिंग पर भी विशेष ध्यान देना होगा।