श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ का छठा दिन
देहरादून। गंगा सेना ट्रस्ट द्वारा उत्तराखण्ड के शहीद राज्य आंदोलनकारियों, शहीद वीर सेनानियों एवं कोरोना काल के ग्रास बने लोगों की स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ में आज छठा दिन श्री गुरुनाक दून वेल स्कूल प्रांगण में भक्तों ने भाग लेकर श्रीमद भागवत कथा यज्ञ का आनंद लिया एवं कथा के साथ-साथ भक्ति गीतों का श्रद्धालुओं ने आनंद लिया। कथा वाचक सुभाष जोशी जी जैसे ही कथा स्थल पर पहुंचे पूरा कथा पंडाल भक्ति रस में खो गया।
कथा वाचक पं. सुभाष जोशी जी ने छठे दिन कंस एवं श्रीकृष्ण का गुणगान करते हुए कहा कि कंस एक दुराचारी राजा था। जिसने सिर्फ इसलिए अपनी बहन और बहनोई को कैद किया क्योंकि आकाशवाणी थी कि हे कंस इस बहन के गर्भ में पलने वाला आठवां पुत्र तेरी मौत का कारण बनेगा। कंस ने अपनी बहन के सातों पुत्रों को मारा लेकिन आठवें पुत्र को नहीं मार पाया यही आठवां पुत्र विष्णु अवतार का रूप लेकर श्रीकृष्ण के रूप में धरती पर आया और कंस का बध कर अपने माता-पिता को कंस की कैद से आजाद कराया। इस मार्मिक कहानी को सुनकर कथा स्थल पर बैठे भक्तगण भावुक हो गये।
इस अवसर पर गंगा सेना ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष सतीश सकलानी ने कहा कि कथा का आयोजन पूर्ण रूप से प्रशासन की गाईड लाइन के अनुसार किया जा रहा है। सकलानी ने कहा कि छह दिन की कथा शांतिपूर्ण और भक्तिमय रही। भक्तों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया और श्रीमद भागवत महापुराण की कथा सुनकर सार्थक बनाया। सकलानी ने कहा कि गुरुवार को कथा का अंतिम दिन है जो प्रात: 10 बजे से प्रारंभ होगी और 2 बजे तक चलेगी जिसमें हवन आदि अनुष्ठान किये जायेंगे और वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी उसके उपरांत 2 बजे से प्रभु इच्छा तक भंडारे का आयोजन किया जाएगा। जिसमें समस्त देहरादून की भक्तगण आमंत्रित हैं। इस अवसर पर सकलानी ने कहा कि अजय उनियाल निदेशक परफेक्ट ग्रोथ मार्किटिंग देहरादून द्वारा कथा में सहयोग के रूप में 21 हजार रुपये दान स्वरूप देने की घोषणा की और भंडारा संचालन हेतु लक्ष्मी अग्रवाल सहपुर द्वारा की सहयोग की घोषणा की।
इस अवसर पर प्रवीण गुसाई, सतीश सकलानी, मुकेश सकलानी, माकन लाल बेसरियाल, जयनारायण बहुगुणा, सोनू सकलानी, रविन्द्र गुनसोला, विजय पंवार, नित्यानंद भट्ट, शिव प्रकाश शुक्ला, मोहन नेगी, अंजू कंडारी, सुमन चौहान, मीनाक्षी, त्रिशान्त गुप्ता, चारू चोपड़ा, सरला सेमवाल, बेजयन्ती जोशी आदि मौजूद थे।